
- बिहार के नालंदा जिले के पावापुरी थाना क्षेत्र के पूरी गांव में एक परिवार ने कर्ज से परेशान होकर जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया.
- परिवार में धर्मेंद्र कुमार, उनकी पत्नी सोनी कुमारी, दो बेटियां दीपा और अरिका तथा बेटा शिवम शामिल थे, जिनमें दो बेटियों की मौत हो गई.
- परिवार के छोटे बेटे सत्यम ने बताया कि पिता ने सभी को जहर खाने के लिए मजबूर किया था.
बिहार के नालंदा जिले के पावापुरी थाना क्षेत्र के पूरी गांव में जल मंदिर के पास धर्मेंद्र कुमार किराए के मकान में रहकर दुकान चलाते थे. शुक्रवार को कर्ज से परेशान धर्मेंद्र ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ जहर (सल्फास की गोली) खाकर आत्महत्या का प्रयास किया. इस घटना में उनकी दो बेटियों की मौत हो गई, जबकि अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है.
जहर खाने वालों में धर्मेंद्र कुमार, उनकी 38 वर्षीय पत्नी सोनी कुमारी, 14 वर्षीय बेटी दीपा, 16 वर्षीय बेटी अरिका और 15 वर्षीय बेटा शिवम शामिल थे. इलाज के दौरान दीपा और अरिका की मृत्यु हो गई. धर्मेंद्र जल मंदिर के पास 'काली मां साड़ी सेंटर' नामक दुकान चलाते थे, जिसे वे एक साल से संचालित कर रहे थे. इससे पहले वे राजमिस्त्री का काम करते थे. उनका पैतृक गांव शेखपुरा जिले का परनकमा है. पावापुरी में उनका परिवार किराए के मकान में रहता था.
जहर खिलाया, जिसके बाद सभी तड़पने लगे
ग्रामीणों के अनुसार, दंपती के तीन बेटियां और दो बेटे हैं. उनका छोटा बेटा, 7 वर्षीय सत्यम, जहर खाने से बच गया. सत्यम ने बताया कि उसके पिता ने मां, दो बहनों और भाई को जहर खाने के लिए मजबूर किया. उसे भी सल्फास की गोली दी गई थी, लेकिन उसने नहीं खाई. घटना के समय पूरी गांव में काली मंदिर के स्थापना दिवस पर पूजा-अर्चना चल रही थी. मंदिर से कुछ दूरी पर एक खंधा में धर्मेंद्र ने खुद सहित परिवार को जहर खिलाया, जिसके बाद सभी तड़पने लगे.
तड़पते हुए सोनी कुमारी ने बादशाह कोचिंग सेंटर के संचालक मधुरंजन को फोन कर बताया कि उन्होंने परिवार सहित जहर खा लिया है और अपने छोटे बेटे सत्यम की देखभाल करने की गुहार लगाई. इसके बाद मधुरंजन मौके पर पहुंचे और सभी को विम्स अस्पताल ले गए.
'मानसिक दबाव के कारण परिवार ने यह कदम उठाया...'
सत्यम ने बताया कि शेखपुरा जिले के कुछ लोग ब्याज की रकम नहीं चुकाने के कारण उसके माता-पिता को गाली-गलौज और धमकी दे रहे थे. विशेष रूप से रामू नामक एक व्यक्ति घर आकर अपमानित करता था. सत्यम के अनुसार, इसी मानसिक दबाव के कारण परिवार ने यह कदम उठाया.
घटना की सूचना मिलने पर राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद ही घटना के सटीक कारणों का पता चलेगा. परिवार के पांच सदस्यों ने जहर खाया था, जिसमें दो बेटियों की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. बाकी तीन की हालत नाजुक बनी हुई है.
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