
सरकार भले ही सड़क हादसों को रोकने के लिए तमाम जागरूकता अभियान चला रही हो और सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मना रही हो, लेकिन इन सबके बावजूद सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. बिहार के बेगूसराय जिले में बीते 12 घंटों के अंदर अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुए तीन हादसों में एक छात्रा समेत तीन लोगों की मौत हो गई.
पहली घटना: छात्रा की ट्रैक्टर की टक्कर से मौत
पहली घटना मंसुरचक थाना क्षेत्र के अब्बासपुर गांव की है. जहां चंदन पासवान की 14 वर्षीय लड़की आंचल कुमारी, जो अब्बासपुर पूर्वी मध्य विद्यालय में आठवीं कक्षा की छात्रा थी, इस साल आठवीं पास करने के बाद नवमी में दाखिले के लिए स्कूल से सर्टिफिकेट लेकर साइकिल से अपने घर गोसपुर गांव लौट रही थी. स्कूल से कुछ ही दूरी पर एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने साइकिल सवार आंचल को जोरदार टक्कर मार दी. इस हादसे में आंचल गंभीर रूप से घायल हो गई. परिजनों ने उसे इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन मंगलवार की देर शाम इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
दूसरी घटना: पिकअप की छत से गिरकर युवक की मौत
दूसरी घटना चकिया थाना क्षेत्र के सिमरिया राजेंद्र पुल की है. जहां सांख तरैया गांव निवासी मोहम्मद मोईन के 18 वर्षीय पुत्र मोहम्मद शकीर अपने पड़ोस में होने वाली शादी के लिए मारांची सामान पहुंचाने एक पिकअप वैन से गया था. सामान पहुंचाकर वापस लौटते समय शकीर पिकअप वैन की छत पर सवार हो गया. जब पिकअप वैन सिमरिया राजेंद्र पुल पार कर रही थी, तभी वह पुल के गार्डर से टकरा गया और नीचे गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक के परिजनों ने बताया कि शकीर शादी के सामान को पहुंचाने गया था, लेकिन इस हादसे ने उनकी जिंदगी छीन ली.
तीसरी घटना: ट्रेन की टक्कर से 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत
तीसरी घटना लाखो थाना क्षेत्र के रमजानपुर गांव के पास की है. गढ़पुरा गांव निवासी 50 वर्षीय नुनु बाबू पासवान अपने ससुराल रमजानपुर में रहते थे. मंगलवार की देर शाम वह अपने घर से निकले थे, तभी रमजानपुर रेलवे ट्रैक के पास एक अज्ञात ट्रेन की चपेट में आ गए. इस हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना की सूचना पर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
सड़क सुरक्षा पर सवाल
इन हादसों ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों और सड़क सुरक्षा पखवाड़े के बावजूद हादसों में कमी नहीं आ रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि तेज रफ्तार, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और सड़कों पर सुरक्षा उपायों की कमी इन हादसों का मुख्य कारण है.
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