
20 नवंबर को हो सकता है बिहार में शपथ ग्रहण समारोह
पटना:
बिहार में बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब अपने मंत्रिपरिषद के लिए मंत्रियों का चयन करना है। तीन पार्टियों के महागठबंधन को इस बार बिहार की जनता ने सिर आंखों पर बिठाया है और ऐसे में मंत्रालय यह काम आसान नहीं होने वाला है। नई सरकार, हो सकता है कि, 20 नवंबर को पटना में शपथ ग्रहण करे।
नीतीश चल सकते हैं अपने पुराने फॉर्म्युले से...
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार अपने पुराने फॉर्म्युले के मुताबिक ही यह चयन कर सकते हैं। इस फॉर्म्युले के मुताबिक, हर पांच विधायकों पर एक मंत्री चुना जाएगा। नई सरकार के दीवाली और छठ के महत्वपूर्ण त्योहारों के बाद ही शपथ लेने के कयास लगाए जा रहे हैं।
लालू चाह सकते हैं एक बेटे के लिए मंत्री पद...
जनता दल (यूनाइटेड) अपनी पार्टी के लिए नीतीश कुमार महागठबंधन के बाकी धड़ों को सड़क, स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा जैसे विभागों के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। अपने सात सूत्रीय एजेंडे में इन्हीं सात का जोरदार विकास करने की बात उन्होंने कही थी। हालांकि उनके सहयोगी दल इस पर कितना राजी होंगे, यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन सूत्रों का कहना है कि लालू यादव पोर्टफोलियो को लेकर एक हद से ज्यादा दबाव नहीं डालेंगे। वह हो सकता है कि अपने दो में से एक बेटे के लिए मंत्री पद मांगें। लालू के दोनों बेटे पहली बार विधायक बने हैं। ऐसे में यादव परिवार में उनके गैर अनुभवी होने के लेकर इस बाबत मत भिन्न-भिन्न हैं।
कभी धुर विरोधी थे, आज साथ हैं...
27 साल के तेज प्रताप और 26 साल के तेजस्वी यह पहले ही कह चुके हैं कि वे नीतीश कुमार सरकार में मंत्री बनने के लिए तैयार हैं। एक समय में नीतीश कुमार और लालू यादव एक दूसरे के धुर विरोधी थे और एक दूसरे की सरकार पर खूब आलोचना के तीर चलाते थे। अबकी बार दोनों एक साथ आए और कांग्रेस को भी साथ लेकर महागठबंधन बनाया ताकि बीजेपी को सरकार बनाने से रोक सकें। बिहार ने इस महागठबंधन को 178 सीटों से नवाजा है।
जेडीयू को कुल जमा मिलीं 80 सीटों से 9 सीट अधिक सीटें लालू यादव को मिली हैं। कांग्रेस को भी 41 में से 27 सीटें मिल गई हैं और वह भी अपने लिए कुछ महत्वपूर्ण विभाग मांग सकता है। सोमवार को लालू यादव ने कहा था- सरकार बिना किसी रोड़े के चलेगी।
नीतीश चल सकते हैं अपने पुराने फॉर्म्युले से...
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार अपने पुराने फॉर्म्युले के मुताबिक ही यह चयन कर सकते हैं। इस फॉर्म्युले के मुताबिक, हर पांच विधायकों पर एक मंत्री चुना जाएगा। नई सरकार के दीवाली और छठ के महत्वपूर्ण त्योहारों के बाद ही शपथ लेने के कयास लगाए जा रहे हैं।
लालू चाह सकते हैं एक बेटे के लिए मंत्री पद...
जनता दल (यूनाइटेड) अपनी पार्टी के लिए नीतीश कुमार महागठबंधन के बाकी धड़ों को सड़क, स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा जैसे विभागों के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। अपने सात सूत्रीय एजेंडे में इन्हीं सात का जोरदार विकास करने की बात उन्होंने कही थी। हालांकि उनके सहयोगी दल इस पर कितना राजी होंगे, यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन सूत्रों का कहना है कि लालू यादव पोर्टफोलियो को लेकर एक हद से ज्यादा दबाव नहीं डालेंगे। वह हो सकता है कि अपने दो में से एक बेटे के लिए मंत्री पद मांगें। लालू के दोनों बेटे पहली बार विधायक बने हैं। ऐसे में यादव परिवार में उनके गैर अनुभवी होने के लेकर इस बाबत मत भिन्न-भिन्न हैं।
कभी धुर विरोधी थे, आज साथ हैं...
27 साल के तेज प्रताप और 26 साल के तेजस्वी यह पहले ही कह चुके हैं कि वे नीतीश कुमार सरकार में मंत्री बनने के लिए तैयार हैं। एक समय में नीतीश कुमार और लालू यादव एक दूसरे के धुर विरोधी थे और एक दूसरे की सरकार पर खूब आलोचना के तीर चलाते थे। अबकी बार दोनों एक साथ आए और कांग्रेस को भी साथ लेकर महागठबंधन बनाया ताकि बीजेपी को सरकार बनाने से रोक सकें। बिहार ने इस महागठबंधन को 178 सीटों से नवाजा है।
जेडीयू को कुल जमा मिलीं 80 सीटों से 9 सीट अधिक सीटें लालू यादव को मिली हैं। कांग्रेस को भी 41 में से 27 सीटें मिल गई हैं और वह भी अपने लिए कुछ महत्वपूर्ण विभाग मांग सकता है। सोमवार को लालू यादव ने कहा था- सरकार बिना किसी रोड़े के चलेगी।
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