 
                                            प्रतीकात्मक तस्वीर
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                भोपाल: 
                                        मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के गैस पीड़ित मरीजों के बड़े ऑपरेशन आउटसोर्स के जरिए विशेषज्ञ चिकित्सकों से अत्याधुनिक संसाधनों के जरिए कराए जाएंगे. यह बात शुक्रवार को गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में राज्यमंत्री विश्वास सारंग ने कही. समीक्षा बैठक में गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सारंग ने कहा कि गैस राहत के अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटर का उन्नयन कर आउटसोर्स के जरिए बड़े ऑपरेशन विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अत्याधुनिक संसाधनों से किए जाएंगे.
राज्यमंत्री सारंग ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की योजना है कि सरकारी अस्पतालों में आउटसोर्स से विशेषज्ञ और वरिष्ठ चिकित्सकों की सेवाएं ली जाएंगी. योजना से गैस राहत अस्पतालों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि गैस पीड़ितों को उच्चस्तरीय इलाज मिल सके और बेहतर संसाधनों के जरिए उनके आवश्यक ऑपरेशन किए जा सकें. सारंग ने निर्देश दिए कि गैस चिकित्सालयों के अस्पताल अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि डॉक्टर शाम को भी अस्पताल पहुंचें.
ज्ञात हो कि भोपाल में दो-तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसी जहरीली गैस ने हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था. वहीं हजारों लोग आज भी विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं, इनके इलाज के लिए कई अस्पताल स्थापित किए गए हैं. मगर ऑपरेशन के विशेषज्ञ नहीं है. इसी के चलते बड़े ऑपरेशन आउटसोर्स के जरिए विशेषज्ञ चिकित्सकों से कराने का निर्णय लिया गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                राज्यमंत्री सारंग ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की योजना है कि सरकारी अस्पतालों में आउटसोर्स से विशेषज्ञ और वरिष्ठ चिकित्सकों की सेवाएं ली जाएंगी. योजना से गैस राहत अस्पतालों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि गैस पीड़ितों को उच्चस्तरीय इलाज मिल सके और बेहतर संसाधनों के जरिए उनके आवश्यक ऑपरेशन किए जा सकें. सारंग ने निर्देश दिए कि गैस चिकित्सालयों के अस्पताल अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि डॉक्टर शाम को भी अस्पताल पहुंचें.
ज्ञात हो कि भोपाल में दो-तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसी जहरीली गैस ने हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था. वहीं हजारों लोग आज भी विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं, इनके इलाज के लिए कई अस्पताल स्थापित किए गए हैं. मगर ऑपरेशन के विशेषज्ञ नहीं है. इसी के चलते बड़े ऑपरेशन आउटसोर्स के जरिए विशेषज्ञ चिकित्सकों से कराने का निर्णय लिया गया है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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                                        भोपाल गैस पीड़ित, Bhopal Gas Victims, ऑपरेशन, Surgery, बाहरी विशेषज्ञ चिकित्सक, External Specialist Doctor
                            
                        