प्रतीकात्मक चित्र
बेंगलुरु:
बेंगलुरु में बाइक पर स्टंट कर अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालने वालों की अब खैर नहीं। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर नाहर सिंह मेघरिख ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी कर सभी डीसीपी, एसीपी और पुलिस इंस्पेक्टर को निर्देश दिए हैं कि वे हर दिन सिटी कंट्रोल रूम को बताएं कि 24 घंटों के दौरान उन्होंने रोड पर दहशत फैलाने वाले ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है।
पुलिस कमिश्नर की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अगर इस काम में लापरवाही बरती गई तो ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल हाल में बेंगलुरु की सड़कों पर रात में हुए हादसों के लिए ज्यादातर दो-पहिये वाहनों की तेज़ रफ्तार और इस पर दिखाए जाने वाले करतब जिम्मेदार रहे हैं।
त्योहारों या राष्ट्रीय छुट्टियों पर रात में बाइक पर स्टंट करने वाले शहर की सभी सड़कों पर मिल जाते हैं, जिन्हें न तो कानून की परवाह है, न ही अपनी और दूसरों की जान की। आम तौर पर बाइक्स के मडगार्ड, साइलेंसर और फ्यूल टैंक में बदलाव लाकर युवा जानलेवा करतब करते रहते हैं। बेंगलुरु शहर के एक लोकप्रिय रेस्टोरेंट चेन के मालिक राज सेठिया का कहना है कि पुलिस का ये कदम न सिर्फ सड़कों पर हादसों को कम करेगा, बल्कि अपराध नियंत्रण में भी मददगार साबित होगा।
मोटर व्हीकल एक्ट्स के तहत किसी भी वाहन में ऐसे बदलाव की जानकारी परिवहन विभाग को देनी जरूरी है और इसका विवरण गाड़ी की आरसी बुक या कार्ड में अंकित करवाना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर इन गाड़ियों को जब्त करने का प्रावधान है। साथ ही ऐसी गाड़ियों को बीमा का लाभ भी नहीं मिलता।
28 दिसंबर 2008 की आधी रात को 20 साल का युवक मुकर्रम इसी तरह व्हीलिंग कर रहा था। पुलिस ने जब उसका पीछा किया, तो वो पहले बाइक शहर की सड़कों पर घुमाता रहा और बाद में उसने बाइक छोड़ पुलिस से बचने के लिए सेना के एक अफसर के घर में घुस गया। उस साल आतंकी खतरे चरम पर थे। सुरक्षाकर्मियों ने उसे चेतावनी दी, लेकिन घबराहट की वजह से वो छत पर भागता रहा। ऐसे में सुरक्षा गार्ड ने गोली चला दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस कमिश्नर की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अगर इस काम में लापरवाही बरती गई तो ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल हाल में बेंगलुरु की सड़कों पर रात में हुए हादसों के लिए ज्यादातर दो-पहिये वाहनों की तेज़ रफ्तार और इस पर दिखाए जाने वाले करतब जिम्मेदार रहे हैं।
त्योहारों या राष्ट्रीय छुट्टियों पर रात में बाइक पर स्टंट करने वाले शहर की सभी सड़कों पर मिल जाते हैं, जिन्हें न तो कानून की परवाह है, न ही अपनी और दूसरों की जान की। आम तौर पर बाइक्स के मडगार्ड, साइलेंसर और फ्यूल टैंक में बदलाव लाकर युवा जानलेवा करतब करते रहते हैं। बेंगलुरु शहर के एक लोकप्रिय रेस्टोरेंट चेन के मालिक राज सेठिया का कहना है कि पुलिस का ये कदम न सिर्फ सड़कों पर हादसों को कम करेगा, बल्कि अपराध नियंत्रण में भी मददगार साबित होगा।
मोटर व्हीकल एक्ट्स के तहत किसी भी वाहन में ऐसे बदलाव की जानकारी परिवहन विभाग को देनी जरूरी है और इसका विवरण गाड़ी की आरसी बुक या कार्ड में अंकित करवाना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर इन गाड़ियों को जब्त करने का प्रावधान है। साथ ही ऐसी गाड़ियों को बीमा का लाभ भी नहीं मिलता।
28 दिसंबर 2008 की आधी रात को 20 साल का युवक मुकर्रम इसी तरह व्हीलिंग कर रहा था। पुलिस ने जब उसका पीछा किया, तो वो पहले बाइक शहर की सड़कों पर घुमाता रहा और बाद में उसने बाइक छोड़ पुलिस से बचने के लिए सेना के एक अफसर के घर में घुस गया। उस साल आतंकी खतरे चरम पर थे। सुरक्षाकर्मियों ने उसे चेतावनी दी, लेकिन घबराहट की वजह से वो छत पर भागता रहा। ऐसे में सुरक्षा गार्ड ने गोली चला दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
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