बेंगलुरु:
जेएनयू विवाद की लौ की लपटें अब दक्षिण भारत में भी दिखने लगी हैं। बेंगलुरु में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) से जुड़े छात्रों ने तिरंगा यात्रा निकाली, जिसकी थीम थी 'सबसे पहले राष्ट्रवाद'।
उत्तरी बेंगलुरु में राष्ट्रध्वज के साथ निकली यह रैली इस इलाके में चक्कर काटने के बाद आनंद राव सर्किल पर गांधी स्टैचू पर ख़त्म हुई। इसके बाद शहर के टाउन हॉल के बाहर शाम के वक्त शहर के कई जाने-माने सांस्थानों के शिक्षकों और छात्रों ने जेनयू के छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन किया।

इसके आयोजक फादर एम्ब्रोस पिंटू ने बताया कि इसमें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ लॉ, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्टेटिस्टिक्स, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज शामिल हैं। ये लोग शिक्षण संस्थानों में पुलिस और सरकार के हस्तक्षेप का विरोध कर रहे थे। सभी के हाथों में प्लेकार्ड्स थे, जिस पर छपी इबारतों से इनका गुस्सा और जेएनयू के छात्रों के लिए समर्थन साफ़ झलक रहा था। छात्र कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग कर रहे थे। इस प्रदर्शन में जाने-माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता बीवी वेंकटेश भी दिखे, जो अपना समर्थन जेएनयू छात्र संघ को दे रहे थे।
उत्तरी बेंगलुरु में राष्ट्रध्वज के साथ निकली यह रैली इस इलाके में चक्कर काटने के बाद आनंद राव सर्किल पर गांधी स्टैचू पर ख़त्म हुई। इसके बाद शहर के टाउन हॉल के बाहर शाम के वक्त शहर के कई जाने-माने सांस्थानों के शिक्षकों और छात्रों ने जेनयू के छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन किया।

इसके आयोजक फादर एम्ब्रोस पिंटू ने बताया कि इसमें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ लॉ, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्टेटिस्टिक्स, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज शामिल हैं। ये लोग शिक्षण संस्थानों में पुलिस और सरकार के हस्तक्षेप का विरोध कर रहे थे। सभी के हाथों में प्लेकार्ड्स थे, जिस पर छपी इबारतों से इनका गुस्सा और जेएनयू के छात्रों के लिए समर्थन साफ़ झलक रहा था। छात्र कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग कर रहे थे। इस प्रदर्शन में जाने-माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता बीवी वेंकटेश भी दिखे, जो अपना समर्थन जेएनयू छात्र संघ को दे रहे थे।
