प्रतीकात्मक फोटो
बेंगलुरु:
बेंगलुरु पुलिस के आदेश के मुताबिक बेंगलुरु में 1 जनवरी 2016 से बाइक, स्कूटी या किसी अन्य दुपहिया वाहन में पीछे बैठने वालों को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन इस कानून को अब तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है, क्योंकि लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं।
दो बार बढ़ गई मोहलत
परिवहन मंत्री राम लिंगा रेड्डी ने कहा कि हेलमेट की कमी की वजह से लोगों को राहत दी जा रही है। उन्होंने 12 जनवरी तक की मोहलत दी थी। ट्रैफिक पुलिस कमिश्नर एम सलीम का कहना है कि लोगों को इस कानून से पूरी तरह अवगत कराने के लिए और वक्त चाहिए, इसलिए उन्होंने छूट की अवधि 20 जनवरी तक बढ़ा दी है।
लोगों में सुरक्षा को लेकर बेरुखी
शहर के लोग दूसरे हेलमेट के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। किसी को गर्मी लगती है तो किसी को दूसरा हेलमेट रखना भारी पड़ता है। इस हकीकत के बावजूद कि, दुपहिया वाहनों की 30 फीसदी दुर्घटनाओ में लोगों की जान हेलमेट न होने की वजह से जाती है।
पहले कांग्रेस और अब जेडीएस कर रही विरोध
हेलमेट का विरोध एक दशक पहले कांग्रेस कर रही थी अब जेडीएस कर रही है। बेंगलुरु में 1993 तक हेलमेट का कानून लागू था लेकिन लोगों के विरोध के बाद इसे हटा लिया गया। यानी 1993 से 2006 तक हेलमेट चालक या पिछली सीट पैर बैठे शख्स के लिए अनिवार्य नहीं था।
विरोध के कारण नियम लागू करने में अड़चन
1 नवंबर 2006 को हेलमेट चालक के लिए अनिवार्य बनाया गया तो इसके खिलाफ कांग्रेस और बाद में जेडीएस सड़कों पर उतरी। अब लगभग 10 साल के बाद पीछे की सीट पर बैठने वालों के लिए हेलमेट कानून लागू किया गया तो एक बार फिर इसका विरोध शुरू हो गया। यही कारण है कि दो बार इसकी मोहलत बढ़ाई गई है।
दो बार बढ़ गई मोहलत
परिवहन मंत्री राम लिंगा रेड्डी ने कहा कि हेलमेट की कमी की वजह से लोगों को राहत दी जा रही है। उन्होंने 12 जनवरी तक की मोहलत दी थी। ट्रैफिक पुलिस कमिश्नर एम सलीम का कहना है कि लोगों को इस कानून से पूरी तरह अवगत कराने के लिए और वक्त चाहिए, इसलिए उन्होंने छूट की अवधि 20 जनवरी तक बढ़ा दी है।
लोगों में सुरक्षा को लेकर बेरुखी
शहर के लोग दूसरे हेलमेट के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। किसी को गर्मी लगती है तो किसी को दूसरा हेलमेट रखना भारी पड़ता है। इस हकीकत के बावजूद कि, दुपहिया वाहनों की 30 फीसदी दुर्घटनाओ में लोगों की जान हेलमेट न होने की वजह से जाती है।
पहले कांग्रेस और अब जेडीएस कर रही विरोध
हेलमेट का विरोध एक दशक पहले कांग्रेस कर रही थी अब जेडीएस कर रही है। बेंगलुरु में 1993 तक हेलमेट का कानून लागू था लेकिन लोगों के विरोध के बाद इसे हटा लिया गया। यानी 1993 से 2006 तक हेलमेट चालक या पिछली सीट पैर बैठे शख्स के लिए अनिवार्य नहीं था।
विरोध के कारण नियम लागू करने में अड़चन
1 नवंबर 2006 को हेलमेट चालक के लिए अनिवार्य बनाया गया तो इसके खिलाफ कांग्रेस और बाद में जेडीएस सड़कों पर उतरी। अब लगभग 10 साल के बाद पीछे की सीट पर बैठने वालों के लिए हेलमेट कानून लागू किया गया तो एक बार फिर इसका विरोध शुरू हो गया। यही कारण है कि दो बार इसकी मोहलत बढ़ाई गई है।
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