आयोजकों को उम्मीद है कि इस साल लगभग साढ़े तीन लाख लोग इस मेले को देखने आएंगे...
- आयोजकों को उम्मीद, इस साल लगभग साढ़े तीन लाख लोग इस मेले को देखने आएंगे.
- इस बार लाल बाग़ में 12 जगहों पर सेल्फी पर प्रतिबंध है.
- इस साल करीब 4 लाख फूलों से बीजापुर के गोल-गुम्बज की नक़ल तैयार की गई.
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बेंगलुरु:
गणतंत्र दिवस के मौके पर शहर के ऐतिहासिक लाल बाग़ में होने वाला सालाना फूलों का मेला अपनी छठा बिखेर रहा है. इस साल तक़रीबन चार लाख फूलों से बीजापुर के ऐतिहासिक गोल-गुम्बज की नक़ल तैयार की गई है.
इस पर लगभग 27 लाख रुपये का खर्च आया है और 40 मज़दूरों ने एक हफ्ते की मेहनत के बाद इसे तैयार किया है. ये मेला 29 जनवरी तक चलता रहेगा. हालांकि इसे देखने के लिए 50 रुपये का टिकट है. आयोजकों को उम्मीद है कि इस साल लगभग साढ़े तीन लाख लोग इस मेले को देखने आएंगे.

लाल बाग के उप निदेशक एम चंद्रशेखर ने बताया कि इस बार लाल बाग़ में 12 जगहों पर सेल्फी पर प्रतिबंध है, क्योंकि ये खतरनाक जगहें है, जहां सेल्फी लेने के चक्कर में कई बार लोग गिर जाते हैं. इन जगहों में तालाब और लाल बाग़ के पहाड़ी इलाके शामिल हैं.
लालबाग की बुनियाद राजा केम्पेगौड़ा ने की थी, बेंगलुरु शहर को बसाया था बाद में हैदर अली और टीपू सुलतान ने इसे भव्यता दी. हर साल गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां फूलों का मेला अलग ढंग से लगाया जाता है.
इस पर लगभग 27 लाख रुपये का खर्च आया है और 40 मज़दूरों ने एक हफ्ते की मेहनत के बाद इसे तैयार किया है. ये मेला 29 जनवरी तक चलता रहेगा. हालांकि इसे देखने के लिए 50 रुपये का टिकट है. आयोजकों को उम्मीद है कि इस साल लगभग साढ़े तीन लाख लोग इस मेले को देखने आएंगे.

लाल बाग के उप निदेशक एम चंद्रशेखर ने बताया कि इस बार लाल बाग़ में 12 जगहों पर सेल्फी पर प्रतिबंध है, क्योंकि ये खतरनाक जगहें है, जहां सेल्फी लेने के चक्कर में कई बार लोग गिर जाते हैं. इन जगहों में तालाब और लाल बाग़ के पहाड़ी इलाके शामिल हैं.
लालबाग की बुनियाद राजा केम्पेगौड़ा ने की थी, बेंगलुरु शहर को बसाया था बाद में हैदर अली और टीपू सुलतान ने इसे भव्यता दी. हर साल गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां फूलों का मेला अलग ढंग से लगाया जाता है.
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