
Chandra yog 2025 : ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है. चंद्रमा मन के कारक होते हैं और कुंडली में चंद्रमा के प्रभाव से कई योग भी बनते हैं. चंद्रमा को मन के साथ ही भावनाओं, और माता का कारक भी माना जाता है. ऐसे में कुंडली में मौजूद चंद्रमा का प्रभाव इनपर देखने को मिलता है. कुंडली में चंद्रमा अन्य ग्रहों के साथ मिलकर कई दूसरे तरह के योग का भी निर्माण करते हैं. यहां हम बात करेंगे चंद्रमा के प्रभाव से कुंडली में बनने वाले एक महत्वपूर्ण चंद्र मंगल योग की. यह योग काफी महत्वपूर्ण होता है. इस योग के प्रभाव से जातक को कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता.
कैसे बनता है चंद्र योग
किसी कुंडली में अगर चंद्रमा और मंगल एक साथ हों, तो चंद्र मंगल योग का निर्माण होता है. इसी तरह अगर ये दोनों ग्रह शुभ भाव में हों और एक दूसरे पर दृष्टि हो, तब भी चंद्र मंगल योग बनता है. इसे शुभ योग माना जाता है. कुंडली में इस योग के बनने पर कई शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं.
चंद्र मंगल योग के सकारात्मक प्रभाव
चंद्र मंगल योग को शुभ योग माना जाता है. ऐसे में इसके शुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं. यह योग धन और समृद्धि का कारक होता है. योग के प्रभाव से व्यक्ति में काफी ऊर्जा देखने को मिलती है. आगर जातक व्यापार करता है तो इस योग के प्रभाव से उसे व्यापार में सफलता मिलती है. करियर में उन्नति के साथ ही समाज में भी मान-प्रतिष्ठा मिलती है.
चंद्र मगल योग के नकारात्मक प्रभाव
चंद्र मंगल योग का रिश्तों पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. मां और दूसरे रिश्तों के लिए यह योग अच्छा नहीं माना जाता है. अगर कुंडली में चंद्रमा और मंगल दोनों ही अशुभ स्थिति में हों, तो इस योग का प्रभाव अनुकूल नहीं होता. विभिन्न भाव में बनने वाले इस योग में अगर कोई ग्रह अशुभ स्थिति में हों, तो भी उसके अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलते हैं. इसका असर आपकी सेहत, रिश्ता और वैवाहिक जीवन पर भी देखने को मिलता है.