वसुंधरा राजे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है. हालांकि, यह भी हकीकत है कि टिकट बंटवारे के बाद दोनों पार्टियां अपने बागी नेताओं से जुझ रही हैं. मगर चुनाव से ठीक पहले राजस्थान बीजेपी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कैबिनेट में चार मंत्रियों सहित 11 वरिष्ठ नेताओं को निलंबित कर दिया है, जो पार्टी द्वारा चुने गए उम्मीदवारों के पक्ष में राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन वापस लेने से इंकार कर रहे हैं. गुरुवार को पार्टी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, 11 बागियों को छह साल तक पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया गया है. इनमें से सुरेंद्र गोयल, लक्ष्मीनारायण दवे, राधेशम गंगानगर, हमीसिंह भदान, राजकुमार रिनावा, रामेश्वर भती, कुलदीप धनकड़, दीनदयाल कुमावत, किशनम नाई, धनसिंह रावत और अनिता कटारा हैं.
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बताया जा रहा है कि पार्टी के कई बागियों ने 7 दिसंबर को होने वाले चुनावों के लिए अपना नामांकन दायर किया और कई विधायकों ने टिकट न मिलने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इस समय राजस्थान में वसुंधरा राजे की अगुआई वाली बीजेपी को भारी एंटी इनकंबेंसी माहौल का सामना करना पड़ रहा है.
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बीजेपी के बागी विधायक मानवेंद्र सिंह, जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र को झालरापाटन से टिकट दिया है. पार्टी ने 2014 में जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिया था. माना जाता है कि मानवेंद्र और उनके परिवार की मुख्यमंत्री राजे से रिश्ते अच्छे नहीं थे. मानवेंद्र ने अक्टूबर में बाड़मेर में ‘स्वाभिमान' रैली की और भाजपा से औपचारिक रूप से अलग हो गए. इसके बाद वह पिछले महीने कांग्रेस में शामिए हुए.
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हालांकि, बीजेपी इकलौती पार्टी नहीं है जो बागियों की समस्या से जूझ रही है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के भी 40 से बागी नेता हैं, जिनमें चार तो मंत्री भी हैं, जो राज्य में जीत की संभावनाओं पर कहीं पानी भी फेर सकते हैं. बहरहाल, राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही हैं.
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हालांकि, बीजेपी इकलौती पार्टी नहीं है जो बागियों की समस्या से जूझ रही है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के भी 40 से बागी नेता हैं, जिनमें चार तो मंत्री भी हैं, जो राज्य में जीत की संभावनाओं पर कहीं पानी भी फेर सकते हैं. बहरहाल, राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही हैं.
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