विज्ञापन
This Article is From Dec 13, 2018

देश के इकलौते 'खुशहाल मंत्री' के लिए साल 2018 जाते-जाते लेकर आया बुरी खबर

शिवराज सिंह चौहान के मध्य प्रदेश का चौथी बार सीएम बनने का सपना कांग्रेस ने तोड़ दिया. करीब 24 घंटे मतगणना प्रक्रिया चलने के बाद बुधवार को कांग्रेस पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.

देश के इकलौते 'खुशहाल मंत्री' के लिए साल 2018 जाते-जाते लेकर आया बुरी खबर
लाल सिंह आर्य.
भोपाल: भारत के इकलौते 'खुशहाल मंत्री' लाल सिंह आर्य भी मध्य प्रदेश के उन मंत्रियों की लिस्ट में शामिल हैं, जो इस बार चुनाव हार गए. आर्य को कांग्रेस उम्मीदवार ने 25 हजार वोटों से हराया है. आर्य मध्य प्रदेश के खुशहाली मंत्रालय के पहले मंत्री थे. इस मंत्रालय की स्थापना राज्य में लोगों की जिंदगी में खुशहाली बढ़ाने के लिए की गई थी. लाल सिंह आर्य भिण्ड जिले के गोहद विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे. यहां लाल सिंह आर्य को 38992 मिले, जबकि कांग्रेस के रनवीर जाटव ने 62981 वोटों के साथ जीत हासिल कर ली. साल 2017 में मंत्री बनने के बाद आर्य के लिए मुश्किलें बढ़ गई थीं, क्योंकि पुलिस ने साल 2009 में हुई कांग्रेस नेता के मर्डर के मामले में गिरफ्तार कर लिया था. अभी उनका केस कोर्ट में लंबित है. 

शिवराज सिंह चौहान के मध्य प्रदेश का चौथी बार सीएम बनने का सपना कांग्रेस ने तोड़ दिया. करीब 24 घंटे मतगणना प्रक्रिया चलने के बाद बुधवार को कांग्रेस पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. हालांकि, वह बहुमत से आंकड़े से दो सीट दूर 114 पर रह गई. इसके बाद बसपा और सपा ने कांग्रेस के समर्थन देने का एलान कर दिया. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में राज्यपाल से मिलकर दावा भी पेश कर दिया है. 

राजस्थान: देश के पहले और इकलौते 'गाय मंत्री' भी नहीं बचा पाए अपनी सीट, जानें- क्या रहीं हार की वजह​

लाल सिंह आर्य का राजनीतिक सफर:-
लाल सिंह आर्य पहली बार साल 1998 में ग्यारहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. इस दौरान वे विधानसभा की आश्वासन समिति, प्रत्यायुक्त विधान समिति एवं अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य रहे. साल 2002 से वे भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य तथा जून 2005 से भारतीय जनता पार्टी जिला भिण्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी निभाई. उन्हें मध्यप्रदेश नशा मुक्ति बोर्ड का सदस्य, पंच-ज समिति का सदस्य (राज्य मंत्री स्तर) तथा महर्षि अरविंद महाविद्यालय गोहद की जन-भागीदारी समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया. साल 2003 में दूसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. साल 2013 में भिण्ड जिले के गोहद से फिर विधानसभा के सदस्य चुने गए. 

ससुर ने कहा अभी जीत का ड्रम न बजाओ तो सचिन पायलट ने दिया ऐसा जवाब कि फारूक अब्दुल्ला बोले- बहुत अच्छे​

गाय मंत्री भी नहीं बचा पाए सीट
इसी तरह देश के पहले और इकलौते 'गाय मंत्री' ओटाराम देवासी को भी हार का सामना करना पड़ा. राजस्थान की सिरोही सीट से चुनावी मैदान में उतरे देवासी को निर्दलीय उम्मीदवार ने करीब 10 हजार वोटों से हरा दिया. बतौर गाय मंत्री देवासी का कार्यकाल काफी विवादों में रहा है. उनके कार्यकाल में भूख और बीमारी की वजह से सैंकड़ों गायों की मौत हुई थी. हमेशा पारंपरिक वेशभूषा में नजर आने वाले देवासी लाल पगड़ी और सफेद धोती पहनते हैं. देवासी नेता होने के साथ-साथ अध्यात्म से भी जुड़े हुए हैं. देवासी ने साल 2008 में सिरोही विधानसभा से चुनाव लड़ा था और साल 2013 में भी इसी सीट से जीते थे. लेकिन इस बार निर्दलीय उम्मीदवार संयम लोढ़ा ने उन्हें दस हजार वोट से हरा दिया. देवासी को 71019 वोट मिले, जबकि लोढ़ा को 81272 वोट हासिल किए. 

इन कारणों से राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में डूबी BJP की लुटिया

विधानसभा चुनाव परिणाम 2018 : मध्य प्रदेश


क्या किसानों के गुस्से के आगे हारे शिवराज चौहान?  

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com