अशोक पुजारी की फाइल फोटो
बेंगलुरू:
कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की तरफ से अपने 23 कार्यकर्ताओं की मौत को बड़ा मुद्दा बनाने की खबर NDTV पर दिखाये जाने के बाद बीजेपी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी ने कहा है कि उसने पिछले साल जुलाई में ही MHA को सफ़ाई भेज दी थी और अशोक पुजारी का नाम मृत लोगों की सूची से हटाकर ज़ख्मी लोगों की लिस्ट में डाल दिया था. नई सूची के मुताबिक मारे गए लोगों की सूची में अब 20 नाम रह गए हैं.
आपको बता दें कि बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के पांच साल के उनके शासनकाल में 'जिहादी' बलों ने उनके पार्टी के 23 कार्यकर्ताओं की हत्या कर की. इस मामले में उडुपी से बीजेपी सांसद शोभा करंदलाजे ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर उन 23 लोगों के नाम भेजे थे जिनकी कर्नाटक में हत्या की गई.
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बीजेपी की इस लिस्ट में सबसे पहला नाम अशोक पुजारी था, जिसकी हत्या 20 सितंबर 2015 को कर दी गई थी. लेकिन पुजारी आज भी जिंदा है. एनडीटीवी ने पुजारी से उसके गांव जाकर मुलाकात भी की. पुुजारी का गांव उडुपी में है जो मेंगलौर से दो किलोमीटर दूर है.
पुजारी बजरंग दल का कार्यकर्ता और बीजेपी का कहना है उन पर 2015 में छह लोगों ने हमला किया था जो बाइक पर सवार थे. उन्होंने पुजारी पर इसलिए हमला किया क्योंकि वह हिन्दूवादी संगठन से जुड़ा हुआ था. उनका कहना था कि आरोपियों ने उनकी पहचान उनके सिर पर बंधे भगवा कपड़े से की जब वह काम से घर लौट रहे थे. पुजारी शादियों में ड्रम बजाने का काम करता है.
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पुजारी ने बताया कि मैं 15 दिन आईसीयू में रहा और उन्होंने सोचा कि मैं मरने वाला हूं लेकिन भगवान का शुक्र है कि मुझे कुछ नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि शोभा करंदलाजे का फोन उनके पास आया था और स्वीकार किया कि गलती से उसका नाम उस लिस्ट में चला गया. लेकिन बीजेपी आज भी दावा करती है कि उसके 23 कार्यकर्ताओं की हत्या की गई. कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दो दर्जन से ज्यादा कर्नाटक में हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है.
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आपको बता दें कि बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के पांच साल के उनके शासनकाल में 'जिहादी' बलों ने उनके पार्टी के 23 कार्यकर्ताओं की हत्या कर की. इस मामले में उडुपी से बीजेपी सांसद शोभा करंदलाजे ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर उन 23 लोगों के नाम भेजे थे जिनकी कर्नाटक में हत्या की गई.
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बीजेपी की इस लिस्ट में सबसे पहला नाम अशोक पुजारी था, जिसकी हत्या 20 सितंबर 2015 को कर दी गई थी. लेकिन पुजारी आज भी जिंदा है. एनडीटीवी ने पुजारी से उसके गांव जाकर मुलाकात भी की. पुुजारी का गांव उडुपी में है जो मेंगलौर से दो किलोमीटर दूर है.
पुजारी बजरंग दल का कार्यकर्ता और बीजेपी का कहना है उन पर 2015 में छह लोगों ने हमला किया था जो बाइक पर सवार थे. उन्होंने पुजारी पर इसलिए हमला किया क्योंकि वह हिन्दूवादी संगठन से जुड़ा हुआ था. उनका कहना था कि आरोपियों ने उनकी पहचान उनके सिर पर बंधे भगवा कपड़े से की जब वह काम से घर लौट रहे थे. पुजारी शादियों में ड्रम बजाने का काम करता है.
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पुजारी ने बताया कि मैं 15 दिन आईसीयू में रहा और उन्होंने सोचा कि मैं मरने वाला हूं लेकिन भगवान का शुक्र है कि मुझे कुछ नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि शोभा करंदलाजे का फोन उनके पास आया था और स्वीकार किया कि गलती से उसका नाम उस लिस्ट में चला गया. लेकिन बीजेपी आज भी दावा करती है कि उसके 23 कार्यकर्ताओं की हत्या की गई. कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दो दर्जन से ज्यादा कर्नाटक में हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है.
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