शिवपाल और अखिलेश के रिश्तों में हालिया दौर में तल्खी देखी गई है.
आज सत्ताधारी यादव परिवार के गढ़ में मतदान हो रहा है. मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई में आज हो रहे मतदान में यह सवाल फिजाओं में घूम रहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यहां किसे वोट देंगे? दरअसल सैफई इटावा की जसवंतनगर सीट के अंतर्गत आता है. इस सीट पर अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव सपा के उम्मीदवार हैं. लेकिन हालिया दौर में चाचा-भतीजा के बीचे वर्चस्व की जंग होने के बाद यह सवाल यहां घूम रहा है कि अखिलेश क्या चाचा शिवपाल के पक्ष में वोट देंगे.
यह इसलिए भी अहम है क्योंकि अभी दो दिन पहले ही इटावा की एक जनसभा में शिवपाल यादव पर अखिलेश यादव ने परोक्ष रूप से निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि हमारे यहां ऐसे लोग हैं जिन्होंने पिता-पुत्र को ही लड़ा दिया और पार्टी को तोड़ने की कोशिश की. हालांकि एक अन्य जनसभा में शिवपाल यादव ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है और वे हमेशा से पार्टी के वफादार सिपाही रहे हैं.
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यह इसलिए भी अहम है क्योंकि अभी दो दिन पहले ही इटावा की एक जनसभा में शिवपाल यादव पर अखिलेश यादव ने परोक्ष रूप से निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि हमारे यहां ऐसे लोग हैं जिन्होंने पिता-पुत्र को ही लड़ा दिया और पार्टी को तोड़ने की कोशिश की. हालांकि एक अन्य जनसभा में शिवपाल यादव ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है और वे हमेशा से पार्टी के वफादार सिपाही रहे हैं.
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उल्लेखनीय है कि यादव परिवार के हर सदस्य का सैफई की मतदाता सूची में नाम है और हर चुनाव में पूरा परिवार यहां वोट देने के लिए एकत्र होता है. हालांकि सपा में इस वक्त शिवपाल यादव हाशिए पर हैं. इससे वह नाराज भी बताए जाते रहे हैं. उनके पार्टी पर अपने समर्थकों को टिकट नहीं देने का आरोप भी लगाया था. उन्होंने यहां तक कहा था कि वह 11 मार्च यानी मतगणना होने के बाद अपनी अलग पार्टी बनाएंगे लेकिन बाद में इससे पलटते हुए कहा था कि उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और वह अलग पार्टी नहीं बनाएंगे.
उल्लेखनीय है कि यादव परिवार के हर सदस्य का सैफई की मतदाता सूची में नाम है और हर चुनाव में पूरा परिवार यहां वोट देने के लिए एकत्र होता है. हालांकि सपा में इस वक्त शिवपाल यादव हाशिए पर हैं. इससे वह नाराज भी बताए जाते रहे हैं. उनके पार्टी पर अपने समर्थकों को टिकट नहीं देने का आरोप भी लगाया था. उन्होंने यहां तक कहा था कि वह 11 मार्च यानी मतगणना होने के बाद अपनी अलग पार्टी बनाएंगे लेकिन बाद में इससे पलटते हुए कहा था कि उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और वह अलग पार्टी नहीं बनाएंगे.
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