बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी में जीत के लिए जबर्दस्त रणनीति बनाई...
नई दिल्ली:
बीजेपी के हाथों उत्तरप्रदेश विधानसभा में मिली करारी हार को विरोधी दल पचा नहीं पा रहे हैं. हालांकि जहां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने हार को स्वीकार करते हुए मंथन की बात कही है, वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने तो एक तरह से हार को अस्वीकार करते हुए नया आरोप मढ़ दिया. उन्होंने दोपहर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका है, तभी ऐसे परिणाम आए हैं. हालांकि चुनाव आयोग ने मायावती के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है, जबकि कांग्रेस जैसे दलों ने कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा है. इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मायावती के आरोपों पर अपने ही अंदाज में चुटकी ली...
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार शाम को मीडिया से चर्चा की. उन्होंने बीजेपी की शानदार जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को श्रेय दिया. इस बीच उनसे बीएसपी प्रमुख मायावती के उस आरोप पर सवाल पूछा गया, जिसमें उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ किए जाने की आशंका जताई थी. इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव खारिज किए जाने की मांग भी कर डाली.
इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने वैसे तो कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन फिर अपने ही अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि वह करारी हार के बाद मायावती की दिमागी हालत को भलीभांति समझते हैं.
शाह ने कहा, "मैं मायावती की दिमागी हालत समझ सकता हूं, लेकिन, मैं उनकी टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा."
गौरतलब है कि बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजों को बेहद 'आश्चर्यजनक' बताते हुए आरोप लगाया था कि भाजपा को जिताने के लिए ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है. मायावती ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी ने निर्वाचन आयोग से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजों को खारिज करने का आग्रह किया है.
मायावती ने बीजेपी के पक्ष में आ रहे रुझानों को देखते हुए दोपहर में कहा था, "सभी के सभी परिणाम और रुझान भाजपा के पक्ष में कैसे जा रहे हैं? यहां तक कि मुस्लिम बहुल इलाकों में भी भाजपा को ही वोट मिला, यह बात बिल्कुल हजम होने वाली नहीं है."
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को खुली चुनौती भी दी और कहा कि यदि उनमें दम है तो फिर से परंपरागत तरीके (मतपत्र) से चुनाव कराएं. बसपा अध्यक्ष ने कहा, "अगर उनमें हिम्मत है, तो वे दोबारा चुनाव करवाएं. भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है. दूसरी पार्टियों का वोट भी भाजपा को मिला है, बटन कोई भी दबाया हो, लेकिन वोट भाजपा को ही पड़ा है. आश्चर्य!"
मायावती ने यह भी याद दिलाया कि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के कुछ लोगों ने उनसे इस मामले में शिकायत की थी, लेकिन उस वक्त उन्होंने इस मामले को टाल दिया था. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सारा विपक्ष मिलकर इस मामले को काफी बड़े स्तर पर उठाए, अन्यथा देश में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं रह जाएगी.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार शाम को मीडिया से चर्चा की. उन्होंने बीजेपी की शानदार जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को श्रेय दिया. इस बीच उनसे बीएसपी प्रमुख मायावती के उस आरोप पर सवाल पूछा गया, जिसमें उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ किए जाने की आशंका जताई थी. इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव खारिज किए जाने की मांग भी कर डाली.
इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने वैसे तो कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन फिर अपने ही अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि वह करारी हार के बाद मायावती की दिमागी हालत को भलीभांति समझते हैं.
शाह ने कहा, "मैं मायावती की दिमागी हालत समझ सकता हूं, लेकिन, मैं उनकी टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा."
गौरतलब है कि बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजों को बेहद 'आश्चर्यजनक' बताते हुए आरोप लगाया था कि भाजपा को जिताने के लिए ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है. मायावती ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी ने निर्वाचन आयोग से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजों को खारिज करने का आग्रह किया है.
मायावती ने बीजेपी के पक्ष में आ रहे रुझानों को देखते हुए दोपहर में कहा था, "सभी के सभी परिणाम और रुझान भाजपा के पक्ष में कैसे जा रहे हैं? यहां तक कि मुस्लिम बहुल इलाकों में भी भाजपा को ही वोट मिला, यह बात बिल्कुल हजम होने वाली नहीं है."
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को खुली चुनौती भी दी और कहा कि यदि उनमें दम है तो फिर से परंपरागत तरीके (मतपत्र) से चुनाव कराएं. बसपा अध्यक्ष ने कहा, "अगर उनमें हिम्मत है, तो वे दोबारा चुनाव करवाएं. भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है. दूसरी पार्टियों का वोट भी भाजपा को मिला है, बटन कोई भी दबाया हो, लेकिन वोट भाजपा को ही पड़ा है. आश्चर्य!"
मायावती ने यह भी याद दिलाया कि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के कुछ लोगों ने उनसे इस मामले में शिकायत की थी, लेकिन उस वक्त उन्होंने इस मामले को टाल दिया था. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सारा विपक्ष मिलकर इस मामले को काफी बड़े स्तर पर उठाए, अन्यथा देश में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं रह जाएगी.
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