नई दिल्ली:
यूपी का यह चुनावी समर पिछले 2 महीनों से चल रहा है, जिसमें आज आखिरकार बीजेपी ने अपने धुंआधार प्रदर्शन से सभी के छक्के छुड़ा दिए हैं. चुनावों की इस पिच पर सभी बीजेपी से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद तो कर रहे थे, लेकिन शायद खुद बीजेपी ने भी नहीं सोचा था कि वह बाकी सभी पार्टियों के लिए इतना बड़ा स्कोर खड़ा कर देगी. यूपी विधानसभा चुनाव के लिए 11 फरवरी से शुरू हुई वोटिंग 8 मार्च को खत्म हो गई. यूं तो इस दौरान यूपी के अलावा चार और राज्यों के चुनाव थे, लेकिन 7 चरणों में देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले इस राज्य में हुए चुनावों की रैलियां सबसे ज्यादा दिलचस्प रहीं. इन चुनावी रैलियों में कभी अचानक 'गधा' छा गया, तो कभी 'कसाब' जैसे आतंकी का नाम इन पार्टियों ने एक दूसरे देना शुरू कर दिया. उत्तर प्रदेशन चुनाव के दौरान ऐसे कई जुमले, नारे और तंज प्रसिद्ध हुए, जो एक रैली तक नहीं थमें.
यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा चुनावों से ही एक ही नारा था, 'कॉंग्रेस मुक्त भारत' का और इस चुनाव के दौरान भी यह नारा कई बार दोहराया गया. बिजनौर में हुई रैली में मोदी ने कांग्रेस और सपा के गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा था, 'एक कुनबे ने 70 साल में देश को तबाह किया, दूसरा उत्तर प्रदेश को बर्बाद कर रहा है. इन दोनों कुनबों से यूपी को बचाना है.'
इन रैलियों के दौरान अमित शाह ने यूपी की अन्य पार्टियों को 'कसाब' की श्रेणी में रखा. उन्होंने कहा, 'कसाब मतलब 'क' से कांग्रेस, 'स' से सपा और 'ब' से बसपा.' इस पर मायावती ने भी पलटवार करते हुए कहा, 'अमित शाह खुद सबसे बड़े कसाब हैं. उनसे बड़ा आतंकी कोई नहीं और गुजरात इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.' वहीं डिंपल यादव ने भी 'कसाब' की अपनी नई परिभाषा दी. उन्होंने कहा, आपके अखिलेश भैया के लिए 'क' से कंप्यूटर, 'स' से स्मार्टफोन, और 'ब' से बच्चे.
यह 'स्कैम' का मामला है
इस दौरान 'स्कैम' भी काफी छाया रहा, जिसकी हर पार्टी ने अपनी-अपनी परिभाषा दी. पीएम मोदी ने 'स्कैम' का मतबल 'एस' से समाजवादी, 'सी' से कांग्रेस, 'ए' से अखिलेश और 'एम' से मायावती. मोदी के इस 'स्कैम' पर अखिलेश अपना स्कैम लेकर आए, जिसमें 'एस' से सेव, 'सी' से कंट्री, 'ए' से अमित शाह और 'एम' से मोदी. देश को अमित शाह और मोदी से बचाना है.'
यह 'गधा' बड़ा प्रचलित है
इस चुनाव में अगर कोई जानवर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुआ तो वह है गधा. अखिलेश ने रायबरेली में आयोजित अपनी रैली में कहा, 'टीवी पर एक गधे का विज्ञापन आता है. मैं सदी के महानायक से अपील करता हूं कि वह गुजरात के गधों का प्रचार न करें.' अखिलेश के इस 'गधे' के जवाब में मोदी ने कहा, गधा अपने मालिक का वफादार होता है. गधा कितना ही बीमार हो, भूखा हो, थका हो, लेकिन अगर मालिक उससे काम लेताहै तो सजन करता हुआ भी मालिक का दिया काम पूरा करके रहता है. सवा सौ करोड़ देशवासी मेरे मालिक हैं, वो मुझसे कितना काम लेते हैं, मैं करता हूं, थक जाऊं तो भी करता हूं. क्योंकि मैं गधे से गर्व के साथ प्रेरणा लेता हूं.'
यह 'नारियल' बिना बात के हुआ बदनाम
मोदी ने राहुल पर चुटकी लेते हुए कहा, 'कांग्रेस के नेता बड़े कमाल के हैं. उन्होंने कहा कि अब वह नारियल से जूस निकालेंगे और इसे इंग्लैंड में बेचेंगे. गरीब से गरीब बच्चे को भी पता होगा कि नारियल का पानी होता है जूस नहीं.' इस पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर उनकी चुटकी लेते हुए कहा, ' मोदी जी यूपी में झूठ का जूस निकाल-निकालकर पिलाने की कोशिश कर रहे हैं. मोदी जी, सच का रस अलग ही होता है, आप क्या जानें. थोड़ा तो जिम्मेदार बनिए. '
यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा चुनावों से ही एक ही नारा था, 'कॉंग्रेस मुक्त भारत' का और इस चुनाव के दौरान भी यह नारा कई बार दोहराया गया. बिजनौर में हुई रैली में मोदी ने कांग्रेस और सपा के गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा था, 'एक कुनबे ने 70 साल में देश को तबाह किया, दूसरा उत्तर प्रदेश को बर्बाद कर रहा है. इन दोनों कुनबों से यूपी को बचाना है.'
इन रैलियों के दौरान अमित शाह ने यूपी की अन्य पार्टियों को 'कसाब' की श्रेणी में रखा. उन्होंने कहा, 'कसाब मतलब 'क' से कांग्रेस, 'स' से सपा और 'ब' से बसपा.' इस पर मायावती ने भी पलटवार करते हुए कहा, 'अमित शाह खुद सबसे बड़े कसाब हैं. उनसे बड़ा आतंकी कोई नहीं और गुजरात इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.' वहीं डिंपल यादव ने भी 'कसाब' की अपनी नई परिभाषा दी. उन्होंने कहा, आपके अखिलेश भैया के लिए 'क' से कंप्यूटर, 'स' से स्मार्टफोन, और 'ब' से बच्चे.
यह 'स्कैम' का मामला है
इस दौरान 'स्कैम' भी काफी छाया रहा, जिसकी हर पार्टी ने अपनी-अपनी परिभाषा दी. पीएम मोदी ने 'स्कैम' का मतबल 'एस' से समाजवादी, 'सी' से कांग्रेस, 'ए' से अखिलेश और 'एम' से मायावती. मोदी के इस 'स्कैम' पर अखिलेश अपना स्कैम लेकर आए, जिसमें 'एस' से सेव, 'सी' से कंट्री, 'ए' से अमित शाह और 'एम' से मोदी. देश को अमित शाह और मोदी से बचाना है.'
यह 'गधा' बड़ा प्रचलित है
इस चुनाव में अगर कोई जानवर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुआ तो वह है गधा. अखिलेश ने रायबरेली में आयोजित अपनी रैली में कहा, 'टीवी पर एक गधे का विज्ञापन आता है. मैं सदी के महानायक से अपील करता हूं कि वह गुजरात के गधों का प्रचार न करें.' अखिलेश के इस 'गधे' के जवाब में मोदी ने कहा, गधा अपने मालिक का वफादार होता है. गधा कितना ही बीमार हो, भूखा हो, थका हो, लेकिन अगर मालिक उससे काम लेताहै तो सजन करता हुआ भी मालिक का दिया काम पूरा करके रहता है. सवा सौ करोड़ देशवासी मेरे मालिक हैं, वो मुझसे कितना काम लेते हैं, मैं करता हूं, थक जाऊं तो भी करता हूं. क्योंकि मैं गधे से गर्व के साथ प्रेरणा लेता हूं.'
यह 'नारियल' बिना बात के हुआ बदनाम
मोदी ने राहुल पर चुटकी लेते हुए कहा, 'कांग्रेस के नेता बड़े कमाल के हैं. उन्होंने कहा कि अब वह नारियल से जूस निकालेंगे और इसे इंग्लैंड में बेचेंगे. गरीब से गरीब बच्चे को भी पता होगा कि नारियल का पानी होता है जूस नहीं.' इस पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर उनकी चुटकी लेते हुए कहा, ' मोदी जी यूपी में झूठ का जूस निकाल-निकालकर पिलाने की कोशिश कर रहे हैं. मोदी जी, सच का रस अलग ही होता है, आप क्या जानें. थोड़ा तो जिम्मेदार बनिए. '
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