फाइल फोटो
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) की पहली बैठक बिना किसी हंगामे के हुई. लखनऊ में पार्टी मुख्यालय के सभागार में 104 दिन के बाद पहली बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवापाल यादव एक साथ दिखे. बैठक में पार्टी के सभी नवनिर्वाचित 47 विधायक मौजूद थे. जसवंत नगर से विधायक शिवपाल यादव बैठक के दौरान खामोश ही रहे. हालांकि वह कुछ विधायकों के साथ कुछ बातचीत करते दिखे.
विधानसभा चुनाव से पहले सपा में मचे घमासान के दौरान शिवपाल और अखिलेश आमने-सामने आ गए थे. अखिलेश ने खुद को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था और शिवपाल को पहले मंत्री पद और फिर पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख पद से हटा दिया था. इस घटनाक्रम के बाद दोनों कभी एक साथ नहीं दिखे थे.
अखिलेश 25 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान करेंगे. बैठक में पार्टी विधायकों ने हाल के चुनावी नतीजों पर मंथन किया. अधिकांश नेताओं ने मीडिया की सपा के प्रति निगेटिव रिपोर्टिंग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से कथित छेड़छाड़ को हार की वजह बताया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विधानसभा चुनाव से पहले सपा में मचे घमासान के दौरान शिवपाल और अखिलेश आमने-सामने आ गए थे. अखिलेश ने खुद को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था और शिवपाल को पहले मंत्री पद और फिर पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख पद से हटा दिया था. इस घटनाक्रम के बाद दोनों कभी एक साथ नहीं दिखे थे.
अखिलेश 25 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान करेंगे. बैठक में पार्टी विधायकों ने हाल के चुनावी नतीजों पर मंथन किया. अधिकांश नेताओं ने मीडिया की सपा के प्रति निगेटिव रिपोर्टिंग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से कथित छेड़छाड़ को हार की वजह बताया.
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