ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने निर्णायक बढ़त बना ली है और ममता बनर्जी की 'लहर' के आगे कांग्रेस-वामदल गठबंधन 'बेबस' साबित हो रहे हैं। राज्य की सभी 294 सीटों के रुझान/परिणाम सामने आ गए हैं, जिसमें तृणमूल 213 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। दूसरी ओर कांग्रेस-वाम गठबंधन के लिए अभी तक के परिणाम अपेक्षित नहीं रहे हैं। इस गठबंधन को अब तक 74 सीटों (कांग्रेस 44 और वाम दल 30) पर बढ़त मिली है, बीजेपी को वैसे तो राज्य में किसी भी लिहाज से निर्णायक नहीं माना जा रहा,लेकिन पार्टी 7 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया बाली सीट से और क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला हावड़ा नार्थ से चुनाव जीत गए हैं। ये दोनों ही तृणमूल के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे। दूसरी ओर एक्ट्रेस रूपा गांगुली (बीजेपी) और फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया (टीएमसी) को हार का सामना करना पड़ा है। भवानीपुर सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीत हासिल की। उन्होंने त्रिकोणीय मुकाबले में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पौत्र चंद्रकुमार बोस (बीजेपी) और दीपा दासमुंशी को पराजित किया। पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष खड़गपुर सदर सीट से जीत गए हैं।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अकेले दम पर चुनाव लड़ी थी और उसने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। वहीं वाममोर्चा एवं कांग्रेस के बीच गठबंधन था। वाम मोर्चा करीब 200 सीटों पर और कांग्रेस करीब 80 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। चुनाव में पहली बार ऐसे 9776 मतदाताओं को अपने मताधिकार के प्रयोग का हक मिला जो भारत और बांग्लादेश के बीच क्षेत्र की अदला-बदली के बाद भारत के नागरिक बने।
शारदा घोटाले और नारद स्टिंग का नहीं दिखा असर
तृणमूल कांग्रेस को शारदा घोटाले और अपने कुछ नेताओं के कथित नारद स्टिंग में फंसने जैसे मुद्दे से रूबरू होना पड़ा। तृणमूल के प्रतिद्वन्द्वी दलों ने इसे प्रचार का मुद्दा बनाया लेकिन ऐसा लगता है कि वोटरों ने इसे कोई महत्व नहीं दिया। वोटरों को लुभाने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण, बिजली की अच्छी उपलब्धता, छात्राओं को साइकिल और दो रुपये में एक किलो चावल जैसे कार्यक्रम को पेश किया था।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया बाली सीट से और क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला हावड़ा नार्थ से चुनाव जीत गए हैं। ये दोनों ही तृणमूल के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे। दूसरी ओर एक्ट्रेस रूपा गांगुली (बीजेपी) और फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया (टीएमसी) को हार का सामना करना पड़ा है। भवानीपुर सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीत हासिल की। उन्होंने त्रिकोणीय मुकाबले में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पौत्र चंद्रकुमार बोस (बीजेपी) और दीपा दासमुंशी को पराजित किया। पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष खड़गपुर सदर सीट से जीत गए हैं।
Celebrations turn violent in Asansol (WB): TMC supporters allegedly vandalize CPI(M) office, set property on fire pic.twitter.com/ZagankhbGM
— ANI (@ANI_news) May 19, 2016
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अकेले दम पर चुनाव लड़ी थी और उसने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। वहीं वाममोर्चा एवं कांग्रेस के बीच गठबंधन था। वाम मोर्चा करीब 200 सीटों पर और कांग्रेस करीब 80 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। चुनाव में पहली बार ऐसे 9776 मतदाताओं को अपने मताधिकार के प्रयोग का हक मिला जो भारत और बांग्लादेश के बीच क्षेत्र की अदला-बदली के बाद भारत के नागरिक बने।
शारदा घोटाले और नारद स्टिंग का नहीं दिखा असर
तृणमूल कांग्रेस को शारदा घोटाले और अपने कुछ नेताओं के कथित नारद स्टिंग में फंसने जैसे मुद्दे से रूबरू होना पड़ा। तृणमूल के प्रतिद्वन्द्वी दलों ने इसे प्रचार का मुद्दा बनाया लेकिन ऐसा लगता है कि वोटरों ने इसे कोई महत्व नहीं दिया। वोटरों को लुभाने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण, बिजली की अच्छी उपलब्धता, छात्राओं को साइकिल और दो रुपये में एक किलो चावल जैसे कार्यक्रम को पेश किया था।
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