
दिल्ली विधानसभा के लिए चुनावी अभियान अब आखिरी चरण में है। गुरुवार शाम 5 बजे चुनावी आभियान थमने से पहले पार्टियां आम मतादातओं को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं और उन्हें लुभाने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं।
2013 के विधानसभा चुनावों और 2014 के लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी इस बार नए सिरे से आम लोगों का विश्वास जीतने की जद्दोजहद में कर रही है। बुधवार शाम कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के प्रचार की कमान संभाल रहे अजय माकन के विधानसभा क्षेत्र पहुंचे और साढ़े तीन घंटे उनके समर्थन में रोड शो किया।
2015 विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी का ये सबसे लंबा रोड शो था। राहुल ने अपना रोड शो आज़ाद मार्केट से शुरू किया और बल्लीमारन और मटिया महल विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए चांदनी चौक पर पहुंचकर खत्म किया। ये 7 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले इस पुरानी दिल्ली इलाके में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन था। इस पूरे रूट पर राहुल गांधी को देखने हज़ारों लोग घरों से निकले।
इस रोड शो के दौरान राहुल गांधी के साथ इस इलाके के चार अहम विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार मौजूद थे - सदर बाज़ार से अजय माकन, मटिया महल से शोएब इकबाल, बल्लीमारन से हारून युसुफ और चांदनी चौक से प्रहलाद साहनी मौजूद थे।
2013 के चुनावों में कांग्रेस को शीला सरकार के खिलाफ लहर के बावजूद 8 अहम मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में से पांच में जीत मिली थी। 2015 में राहुल ने रोड शो के लिए जिन विधानसभा क्षेत्रों को चुना, वहां भी मुस्लिम वोट चुनावी नतीजों को सीधे प्रभावित करता है। ज़ाहिर है, कांग्रेस पार्टी मुस्लिम वोट जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है।
दरअसल इस क्षेत्र में मुस्लिम वोट की लड़ाई बड़ी है और कांग्रेस को आम आदमी पार्टी से कांटे की टक्कर का सामना करना पड़ा रहा है। अब देखना होगा राहुल पार्टी को इन मुस्लिम बहुल इलाकों में कितनी कामयाबी दिलाने में सफल हो पाते हैं।
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