छत्तीसगढ़ को खैरात नहीं दे रही केंद्र सरकार : रमन

रायपुर:

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने रविवार को कहा कि विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्र से छत्तीसगढ़ के लिए मिलने वाली राशि यहां की जनता का हक है, केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को किसी तरह की खैरात नहीं दे रही है।

रमन ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश को शर्मसार करने वाले भ्रष्टाचार और बढ़ती महंगाई पर जवाब देना पड़ता इसलिए उन्होंने आमसभा के बजाए बंद कमरे में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर डाला।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को इनडोर स्टेडियम में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाए थे। इसके जबाव में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मनमोहन को आड़े हाथों लिया।

रमन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में दिल्ली का पैसे की रट लगाने वाले मनमोहन सिंह को यह समझ नहीं आता कि केंद्र सरकार के पास हर राज्य के लिए राशि शेयर के रूप में होती है। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को राशि किसी खैरात के रूप में नहीं दी है। यह छत्तीसगढ़ के संसाधनों का उपयोग करने के बदले जनता को वापस किया गया है, यह जनता का हक है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अभी खाद्य सुरक्षा बिल ला रही है, जबकि छत्तीसगढ़ में तो इसका क्रियान्नवयन काफी समय से किया जा रहा है और यहां की पीडीएस प्रणाली के लिए छत्तीसगढ़ देश का मॉडल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि संभवत: देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ होगा कि प्रधानमंत्री ने मतदान के कुछ दिनों पहले बंद कमरे में कार्यकतरओ के साथ बैठक की होगी। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह में आम जनता का सामना करने की हिम्मत नहीं है। अगर में वे आमसभा में शामिल होते तो उन्हें बढ़ती महंगाई, केंद्र में हुई 2जी, 3जी, राष्ट्रमंडल सहित विभिन्न घोटाले और लगातार बढ़ती महंगाई पर भी जवाब देना पड़ता। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण देश का सिर शर्म से झुक गया है।

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रमन ने कहा कि वह जनता को मुफ्त में चावल देने की बात करते हैं, मगर यह छत्तीसगढ़ के लोगों के स्वाभिमान का विषय है। जनता मुफ्त में चावल नहीं लेगी, इसलिए जनता के स्वाभिमान का सम्मान करते हुए भाजपा सरकार चावल के बदले लोगों से प्रति किलोग्राम एक रुपये ले रही है।