हार्दिक पटेल (फाइल फोटो)
अहमदाबाद:
गुजरात में पिछले कई महिनों से चल रहे पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने सोमवार को अहमदाबाद के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। करीब 2700 पन्नों की चार्जशीट में 503 गवाहों की गवाही दर्ज की गई है।
हार्दिक के करीबी नेताओं के नाम जानने की जिज्ञासा
इसके अलावा सबसे अहम बात कॉल रिकॉर्डिंग भी है। जून से लेकर अगस्त 2015 के बीच हार्दिक पटेल की कई लोगों से हुई बातचीत क्राइम ब्रांच ने रिकॉर्ड की है। पुलिस ने इन कॉल रिकॉर्डिंग के बाद हार्दिक पटेल का वॉइस स्पेक्ट्रोग्राफी टेस्ट किया गया जो कि पॉजिटिव पाया गया है। गौरतलब है कि इस पूरे आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल की कई राजनेताओं से भी बातचीत की कॉल डिटेल्स रखी गई हैं। सभी में यह जानने की जिज्ञासा है कि आखिर हार्दिक किन राजनेताओं के साथ संपर्क में था? इस दौरान आंदोलन को वित्तीय मदद देने वाली संस्थाओं को भी गवाह के तौर पर शामिल किया गया है।
हिंसा से 44 करोड़ की संपत्ति का नुकसान
पिछले साल 25 अगस्त को अहमदाबाद में एक बड़ी पटेल रैली आयोजित की गई थी। उसी रैली के दौरान हार्दिक पटेल को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में करोड़ों रुपये की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था। इस नुकसान के लिए भी हार्दिक पटेल को जिम्मेदार बताया गया है। पुलिस के मुताबिक इस हिंसा में अहमदाबाद बीआरटीएस को 3 करोड़ का, अहमदाबाद म्युनिसिपल कार्पोरेशन की बसों को 4 करोड़ का, राज्य परिवहन को 34 करोड़ का, फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट को करीब 29 लाख रुपये का, पश्चिम रेलवे को 52 लाख रुपए का नुकसान हुआ। इसके अलावा कई पुलिस स्टेशनों में तोड़फोड़ की गई थी। पुलिस चौकियों को आग के हवाले कर दिया गया था। पुलिस की कई गाड़ियों को भी आग के हवाले किया गया था। कुल मिलाकर करीब 44 करोड़ की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था।
हार्दिक से सरकार के समझौते की संभावना धूमिल
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से राज्य सरकार पाटीदार आंदोलन से हुए राजनैतिक नुकसान की भरपाई करने में जुटी थी। इसके तहत कई पटेल नेताओं के खिलाफ आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए केस भी वापस लिए गए। यह सुगबुगाहट भी थी कि शायद हार्दिक पटेल के साथ भी सरकार बातचीत कर सकती है। लेकिन इस चार्जशीट के बाद हार्दिक पटेल और सरकार के बीच बातचीत की संभावना धूमिल हो गई है। हार्दिक पटेल पिछले कुछ महिनों से जेल में हैं। क्राइम ब्रांच ने कहा है कि चार्जशीट के बाद भी वह हार्दिक पटेल की जमानत की अर्जी का विरोध करेगी।
हार्दिक के करीबी नेताओं के नाम जानने की जिज्ञासा
इसके अलावा सबसे अहम बात कॉल रिकॉर्डिंग भी है। जून से लेकर अगस्त 2015 के बीच हार्दिक पटेल की कई लोगों से हुई बातचीत क्राइम ब्रांच ने रिकॉर्ड की है। पुलिस ने इन कॉल रिकॉर्डिंग के बाद हार्दिक पटेल का वॉइस स्पेक्ट्रोग्राफी टेस्ट किया गया जो कि पॉजिटिव पाया गया है। गौरतलब है कि इस पूरे आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल की कई राजनेताओं से भी बातचीत की कॉल डिटेल्स रखी गई हैं। सभी में यह जानने की जिज्ञासा है कि आखिर हार्दिक किन राजनेताओं के साथ संपर्क में था? इस दौरान आंदोलन को वित्तीय मदद देने वाली संस्थाओं को भी गवाह के तौर पर शामिल किया गया है।
हिंसा से 44 करोड़ की संपत्ति का नुकसान
पिछले साल 25 अगस्त को अहमदाबाद में एक बड़ी पटेल रैली आयोजित की गई थी। उसी रैली के दौरान हार्दिक पटेल को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में करोड़ों रुपये की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था। इस नुकसान के लिए भी हार्दिक पटेल को जिम्मेदार बताया गया है। पुलिस के मुताबिक इस हिंसा में अहमदाबाद बीआरटीएस को 3 करोड़ का, अहमदाबाद म्युनिसिपल कार्पोरेशन की बसों को 4 करोड़ का, राज्य परिवहन को 34 करोड़ का, फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट को करीब 29 लाख रुपये का, पश्चिम रेलवे को 52 लाख रुपए का नुकसान हुआ। इसके अलावा कई पुलिस स्टेशनों में तोड़फोड़ की गई थी। पुलिस चौकियों को आग के हवाले कर दिया गया था। पुलिस की कई गाड़ियों को भी आग के हवाले किया गया था। कुल मिलाकर करीब 44 करोड़ की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था।
हार्दिक से सरकार के समझौते की संभावना धूमिल
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से राज्य सरकार पाटीदार आंदोलन से हुए राजनैतिक नुकसान की भरपाई करने में जुटी थी। इसके तहत कई पटेल नेताओं के खिलाफ आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए केस भी वापस लिए गए। यह सुगबुगाहट भी थी कि शायद हार्दिक पटेल के साथ भी सरकार बातचीत कर सकती है। लेकिन इस चार्जशीट के बाद हार्दिक पटेल और सरकार के बीच बातचीत की संभावना धूमिल हो गई है। हार्दिक पटेल पिछले कुछ महिनों से जेल में हैं। क्राइम ब्रांच ने कहा है कि चार्जशीट के बाद भी वह हार्दिक पटेल की जमानत की अर्जी का विरोध करेगी।
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