- मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने झारखंड से साइबर कैफे संचालक मोनाजिर खान को गिरफ्तार किया है
- मोनाजिर खान ने फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र बनाकर आरोपी अख्तर हुसैन कुतुबुद्दीन अहमद की मदद की थी
- अख्तर हुसैन ने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर का वैज्ञानिक बनकर करीब दो दशकों तक अलग पहचान बनाई थी
मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) ने झारखंड से 34 वर्षीय एक साइबर कैफे संचालक को गिरफ्तार किया है. इस शख्स पर आरोप है कि उसने एक ऐसे व्यक्ति की मदद की, जो भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) का वैज्ञानिक बनकर विभिन्न देशों की यात्रा करता था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान मोनाजिर खान के रूप में हुई है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, मोनाज़िर खान ने आरोपी अख्तर हुसैन कुतुबुद्दीन अहमद को फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र (educational certificates) तैयार करने में मदद की थी.
पिछले दिनों मुंबई क्राइम ब्रांच की पूछताछ में सामने आया है कि फर्जी वैज्ञानिक के नाम पर पकड़े गए अख्तर हुसैन क़ुतुबुद्दीन अहमद (60) ने करीब दो दशकों तक पूरी तरह से अपनी सूरत बदलकर एक अलग जिंदगी जी थी. जांच से पता चला है कि उसने 'एलेक्जेंडर पाल्मर' नाम से भी एक नई पहचान गढ़ रखी थी और उस पहचान के सहारे जाली दस्तावेज, नौकरी के कागज और कम से कम तीन भारतीय पासपोर्ट भी बनवा रखे थे.
सूत्रों के मुताबिक, उसके वर्सोवा वाले घर की तलाशी के दौरान ऐसे कई सबूत मिले हैं जो इस पहचान बदलने की गुत्थी खोलते हैं. शुरुआती छानबीन में पहले ही पकड़े गए दस्तावेज और 14 मैप मिलने के बाद, अब पाल्मर के नाम पर जारी किए गए जाली 10वीं-12वीं मार्कशीट, Ranchi University का B.Sc., BPUT-Rourkela के B.E. और MBA जैसे प्रमाण पत्र और कई फर्जी एक्सपीरियंस लेटर और कंपनी-आईडी भी हाथ लगे हैं.
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