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This Article is From Nov 14, 2021

UP में लड़कियों के लिए मैराथन दौड़, विजेताओं को स्कूटी-स्मार्टफोन देगी कांग्रेस; जानें- क्या है स्ट्रेटजी?

यूपी कांग्रेस की रणनीति प्राथमिक तौर पर 3 करोड़ महिलाओं से चुनाव के समय तक 3 बार संपर्क स्थापित करने की है.

UP में लड़कियों के लिए मैराथन दौड़, विजेताओं को स्कूटी-स्मार्टफोन देगी कांग्रेस; जानें- क्या है स्ट्रेटजी?
यूपी में कांग्रेस की 3 करोड़ महिला वोटरों तक सीधा पहुंचने की योजना (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Polls 2022) से पहले कांग्रेस ने अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की अगुवाई में चुनाव मैदान में उतरने वाली यूपी कांग्रेस ने राज्य भर में कई मैराथन दौड़ का आयोजित करने की योजना बनाई है. ये मैराथन दौड़ लड़कियों के लिए होगी. प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं' का जो स्लोशन दिया है, मैराथन भी इसी नाम से होगा. इनमें विजेता होने वाली लड़कियों को पुरस्कार के तौर पर स्कूटी और स्मार्टफ़ोन दिया जाएगा.

प्रियंका गांधी वाड्रा ये चुनावी वादा कर चुकी हैं कि स्नातक पास करने वाली छात्राओं को मुफ़्त स्कूटी और 12 पास छात्राओं को लड़कियों को मुफ़्त स्मार्टफ़ोन दिया जाएगा. ये तब होगा जब यूपी में कांग्रेस की सरकार बनेगी. पार्टी से जुड़े रणनीतिकार बताते हैं कि चुनाव से पहले मैराथन के पुरस्कार के तौर पर स्कूटी देने की योजना के पीछे मंशा लड़कियों को ये भरोसा दिलाने की है कि कांग्रेस इस वादे पर ईमानदारी से अमल करेगी. 

कांग्रेस ने यूपी में महिलाओं को केन्द्र में रख कर जो रणनीति बनाई है उसका ये एक हिस्सा भर है. यूपी कांग्रेस प्रदेश में 3750 महिलाओं की टीम बना रही है. हर टीम में दो महिलाएं होंगी. इनमें एक युवा और अपेक्षाकृत अधिक उम्र की महिला होंगी. ये घर घर जाकर महिलाओं से मिलेंगी.

हर टीम के लिए हर दिन क़रीब 50 महिलाओं से मिलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ये टीमें उनसे मिलकर उन्हें महिलाओं के लिए प्रियंका गांधी के वायदों के बारे में बताएंगी. जो महिला पहनना चाहेंगी उन्हें ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं' का सिलिकान बैंड पहनाएंगी. 1 लाख बैंड पर प्रियंका गांधी के हस्ताक्षर छपवाए गए हैं. ऐसे क़रीब 1 करोड़ बैंड बनवाए जा रहे हैं.

ये टीम महिलाओं से एक प्रतिज्ञा फार्म भी भरवाएंगी और महिलाओं के राजनीति में आने की ज़रूरत पर ज़ोर देगी. हर महिला को 10 और महिलाओं से प्रतिज्ञा पत्र भरवाने का अनुरोध किया जाएगा. इस कैंपेन के ज़रिए जिन महिलाओं तक पहुंचा जाएगा उनकी जानकारी को यूपी कांग्रेस की डिजीटाइजेशन टीम अपने पास रिकार्ड के लिए रखेगी. 

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इस तरह के डोर टू डो कैंपेन के ज़रिए क़रीब 3 करोड़ महिला वोटरों पहुंचने का लक्ष्य है. 2017 के आंकड़ों के मुताबिक़, प्रदेश में महिला वोटरों की तादाद 6 करोड़ 44 थी. यूपी कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने 3 करोड़ महिला वोटरों तक पहुंचने की रणनीति इस आधार पर बनायी है क्योंकि  2017 के चुनाव में 3 करोड़ 10 लाख महिला वोटरों ने वोट किया था, इनमें 160 लाख वोटर 18 से 40 की आयु के थे.

इसलिए यूपी कांग्रेस की रणनीति प्राथमिक तौर पर 3 करोड़ महिलाओं से चुनाव के समय तक 3 बार संपर्क स्थापित करने की है. पहली बार उन्हें बताने के लिए. दूसरी बार समझाने के लिए. तीसरी बार उनको कांग्रेस के वादे याद दिलाने के लिए. बस अड्डों और महिला कालेजों के बाहर शामियाना लगा कर भी महिलाओं के लिए योजनाओं का प्रचार किया जाएगा.

महिलाओं के मुफ़्त बस यात्रा एक ऐसा चुनावी वायदा है जिससे यूपी कांग्रेस को लगता है कि शहरी के साथ साथ दूर दराज़ की महिलाओं का दिल जीतने में मदद मिलेगी. प्रियंका गांधी कांग्रेस की सरकार आने पर साल में तीन सिलिंडर मुफ़्त देने का चुनावी वादा कर चुकी हैं. महंगाई के मौजूदा दौर में कांग्रेस को लगता है कि इसके ज़रिए कमज़ोर तबके की रसोई तक पार्टी का हाथ पहुंचेगा.

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आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को 10 हज़ार रुपये मासिक मानदेय और प्रतिमाह 1000 रूपये वृद्धा पेंशन के वायदे के ज़रिए कांग्रेस महिलाओं के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश में है. हालांकि, इसके लिए ज़रुरी है दूर दराज़ के इलाक़ों तक कांग्रेस की ये बात पहुंचे. तभी इतनी व्यापक रणनीति बनायी गई है.

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प्रियंका गांधी वाड्रा राज्यभर में 10 महिला टाउन हाल को संबोधित कर महिलाओं को भरोसा दिलाने की कोशिश करेंगी कि चाहे सुरक्षा की बात हो या रसोई कि, कांग्रेस का हाथ ही महिलाओं का सच में साथ देने वाली है. 

कांग्रेस के रणनीतिकारों के मुताबिक़, अब तक की ये धारणा रही है कि यूपी में कांग्रेस का संगठन छिन्न भिन्न है. 2022 के लिए अपने चुनावी तैयारी के लिए प्रियंका गांधी के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस न सिर्फ़ ब्लाक स्तर तक अपने संगठन में जान फूंकने की कोशिश की है बल्कि जाति और धर्म में बंटे वोटरों के बीच महिलाओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर वो आधी आबाधी को साधने की कोशिश कर रही है. अगर महिलाओं के दिमाग़ में उनके फ़ायदे की बात बिठाने में यूपी कांग्रेस क़ामयाब हुई तो उसे प्रदेश में बड़ी क़ामयाबी मिल सकती है. 

हालांकि, महज़ महिलाओं के बूते कांग्रेस प्रदेश में कोई बड़ी क़ामयाबी हासिल कर सकती है इसे लेकर जानकारों को शक है. यूपी की राजनीति की पृष्ठभूमि का हवाला देकर वे कहते हैं कि कोई भी पार्टी जातियों को साधे बिना सत्ता तक नहीं पहुंचती ये एक बड़ी सच्चाई है और जब सांप्रदायिकता को हवा देकर वोटों के ध्रुवीकरण की लगातार कोशिश हो रही हो तो ऐसे में देख पड़ेगा है कि कांग्रेस की रणनीति उसे कहां तक फ़ायदा पहुंचा पाती है. हालांकि, कांग्रेस के रणनीतिकार महिला और महंगाई पर फोकस कर बहुत उम्मीद लगा बैठे हैं.

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