जहान खुराना, जो एक दिल्ली के युवा उद्यमी हैं, ने अपने अद्वितीय संघर्ष से दिखाया है कि सफलता के लिए कोई सीमा नहीं होती. वे अपने कठिनाइयों के बावजूद उद्यमशीलता और साहस से सामर्थ्य बने रहे हैं. इनके सफलतापूर्वक कार्यों और उनकी यात्रा को जानकर इन्होंने खुद की मेहनत, इच्छाशक्ति और लगन की मिसाल पेश की है.
जहान का जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ था. उन्हें अपने करियर में उद्यम गतिविधियों में रुचि पैदा हुई थी. वे कई कंपनियों के संचालन में भी सक्रिय रहे, और इनमें से कुछ हैं - "द रोलिंग प्लेट", "ऑनलाइन बाउजी", और "सिक्स पैक मोमोज़", जिनमें उन्होंने 500 से अधिक साझेदारों और 130 से अधिक कर्मचारियों के साथ काम किया है.
जहान ने अपने उद्यमी रूप को खोजते समय कठिनाइयों का सामना किया. उन्हें अपने माता-पिता से बहुत सी सहायता नहीं मिली थी और एक मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण, उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए स्वयं को साबित करना पड़ा. वे अपने उद्यमी मार्गदर्शन के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को रोजगार के माध्यम से एक उच्चायोगी भविष्य की राह प्रदान करने के लिए प्रेरित करते हैं.
"द रोलिंग प्लेट" एक उदाहरण है जो जहान की कंपनियों में से एक है. यह एक आधारभूत ढांचे के तहत काम करने वाली कंपनी है, जो क्लाउड किचन मॉडल पर आधारित है. इसके अंतर्गत ग्राहकों को वास्तविक समय पर खाना डिलीवर करने की सेवा प्रदान की जाती है.
उनकी दूसरी कंपनी "सिक्स पैक मोमोज़" भी दिल्ली में लॉन्च की गई है. इसमें उन्होंने मशीन के द्वारा बनाई गई मोमोज़ को बड़ी संख्या में बनाने और 250 से अधिक विविधताओं की सेवा करने की विशेषता दी है. इसके साथ ही, उन्होंने एक दुर्दिन मरीज को ब्रांड एम्बेसडर बनाने जैसे नए और आकर्षक विचारों को भी पेश किया है.
जहान खुराना की कहानी हम सभी को प्रेरित करने वाली है. उन्होंने दिखाया है कि सामर्थ्य, संघर्षशीलता और साहस से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. उनके सफलता की कहानी एक प्रेरणा स्रोत है जो आज की युवा पीढ़ी को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करती है. जहान खुराना ने साबित किया है कि युवा उद्यमी होने के लिए सिर्फ एक लक्ष्य और उत्साह की आवश्यकता होती है, और बाकी सब खुद वहाँ रास्ता खोज लेता है.
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