AI इंजीनियर ने प्रेगनेंसी शूट के लिए मामाअर्थ की को-फाउंडर को किया क्रिटिसाइज, linkedin पर बचाव में उतरीं कई महिलाएं

पोस्ट में उन्होंने अपने बच्चे की भलाई पर विचार करने के बजाय अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान 'बाहरी दुनिया को दिखाने के लिए' एक फोटो शूट को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है.

AI इंजीनियर ने प्रेगनेंसी शूट के लिए मामाअर्थ की को-फाउंडर को किया क्रिटिसाइज, linkedin पर बचाव में उतरीं कई महिलाएं

लिंक्डइन पर महिला ने मामाअर्थ की को-फाउंडर को किया क्रिटिसाइज.

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के एक एआई इंजीनियर ने प्रोफेशनल नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन पर अपने पोस्ट में मामाअर्थ की को-फाउंडर गजल अलघ की आलोचना की है. पोस्ट में उन्होंने अपने बच्चे की भलाई पर विचार करने के बजाय अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान 'बाहरी दुनिया को दिखाने के लिए' एक फोटो शूट को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है. यह घटना सोशल मीडिया के पावर और क्रिटिसिज्म दोनों की मार्मिक मिसाल बनती जा रही है.

एआई इंजीनियर प्रकृति शर्मा ने गजल अलघ के प्रेग्नेंसी फोटोशूट को दोबारा पोस्ट करते हुए कमेंट में लिखा, 'गर्भावस्था के दौरान खुद के प्रति कठोर होने के बारे में पोस्ट करना और इंटरनेट से इसके लिए मान्यता हासिल करना, फिर इसे देखना और भी ज्यादा तकलीफदेह बनाता है.' अपनी पोस्ट के आखिर में शर्मा ने लिखा, 'देवियों, कृपया इस बात का ध्यान रखें कि आप किसे देखती हैं. इंटरनेट पर दी जाने वाली किसी भी बकवास सलाह का पालन न करें.'

गर्भावस्था के दौरान अवसरों का लाभ उठाने के तरीके

गजल अलघ ने बीते दिनों अपनी प्रेग्नेंसी के दिनों के बारे में पोस्ट किया था. पोस्ट में उन्होंने गर्भावस्था के दौरान अवसरों का लाभ उठाने के तरीके के बारे में सलाह दी थी. प्रकृति शर्मा ने इसी के जवाब में लिंक्डइन पर कमेंट पोस्ट किया. कुछ देर बाद ही यह पोस्ट वायरल हो गया. इस कमेंट से तीखी बहस छिड़ गई और कई लोग गजल अलघ के फैसले का बचाव करने के लिए दौड़ पड़े.

गजल अलघ के फैसले के बचाव में कई महिला यूजर्स

एक यूजर ने लिखा, 'प्रकृति, मुझे लगता है कि गजल अलघ के फैसले या पसंद पर आपकी राय न केवल बेरहम है, बल्कि यह महत्वाकांक्षा, वर्क एथिक्स और प्रेग्नेंसी की हकीकत की उथली समझ को भी उजागर करती है. सभी महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी अनोखी होती है. किसी दूसरे के अनुभव को आंकना गलत है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं अविश्वसनीय चीजें करने में सक्षम होती हैं. उन उपलब्धियों को 'मूर्खतापूर्ण' और हानिकारक बताकर ख़ारिज करना अपमानजनक और पीछे की ओर चलने जैसा है.'

यूजर आगे लिखा, 'गजल की कहानी प्रेरणादायक है, क्योंकि यह उन सीमाओं को चुनौती देती है, जिनके साथ आप सहज लगते हैं, उन सीमाओं के खिलाफ पुश करती है, जिन्हें कई लोग हल्के में लेते हैं और एक सच्चाई को प्रतिबिंबित करती है कि महिलाएं एक ही समय में मां, नेता और उपलब्धि हासिल करने वाली हो लीडर हो सकती हैं.'

कामकाजी महिलाओं में प्रेगनेंसी कोई बाधा नहीं

दूसरे यूजर ने कमेंट में लिखा, 'मुझे लगता है कि आप सही नहीं कर रहे हैं. गजल अलघ सिर्फ यह बताने की कोशिश कर रही है कि प्रेग्नेंसी कोई बाधा नहीं है, बशर्ते कोई जटिलताएं न हों. हो सकता है कि बाद वाला हिस्सा भी जिक्र करने लायक हो. क्योंकि मैंने भी काम किया है और अपनी प्रेग्नेंसी के अंत तक मैं रोजाना अस्पताल जाकर अपने पिता की देखभाल करती रही, जो उन दिनों कोविड-19 से ठीक हो रहे थे.'

हम सभी की अपनी यात्राएं और अपने संघर्ष

तीसरे यूजर ने लिखा, 'प्रकृति शर्मा, हम सभी की अपनी यात्राएं और अपने संघर्ष हैं. हम में से बहुत सी महिलाओं के लिए, अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान काम करना जरूरी है, सिर्फ इसलिए कि कोई इसे दूसरों को प्रेरित करने के लिए पॉजिटिव रूप से दिखाता है, उसे हर चीज का श्रेय नहीं देना चाहिए. अपनी खुद की कहानी बनाएं और कृपया अपने और अन्य महिलाओं के लिए इसे आसान बनाएं. कुछ भी हो, गजल शानदार दिखती हैं.' 

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