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This Article is From Feb 01, 2023

ChatGPT पर क्यों बैन लगना चाहिए? शिक्षकों और छात्रों ने दिए जवाब, पढ़ें पूरी खबर

छात्रों को बेशक ये एप भा रहे है, मगर शिक्षकों को डर लग रहा है कि इस तरह के एप से बच्चे कुछ सीख नहीं पा रहे हैं. रेवा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राजशेखर बिरादर बताते हैं कि यह बच्चों के लिए हानिकारक है. इससे बच्चे कुछ हासिल नहीं कर पा रहे हैं.

ChatGPT पर क्यों बैन लगना चाहिए? शिक्षकों और छात्रों ने दिए जवाब, पढ़ें पूरी खबर

ChatGPT एक ऐसा एप्लिकेशन है, जो लॉन्च होते ही वायरल हो गया है. इस एप्लिकेशन की मदद से सभी परिक्षाओं का हल किया जा सकता है. अभी हाल ही में  ChatGPT ने वो कर दिखाया, जिसे देखकर लोक चौंक गए. इसकी मदद से बेशक परिक्षाओं के सवालों का जवाब दिया जा सकता है. छात्र आसानी से अपना होमवर्क कर सकते हैं, मगर ये चिंताजनक है. ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने भी इसपर सवाल उठाया है. अमेरिका और फ्रांस में कई जगहों पर इस एप्लिकेशन को बैन किया जा चुका है. इस मुद्दे पर भारत में छात्रों और शिक्षकों ने अपनी राय दी है.

ChatGPT फायदेमंद है या नुकसानदेह?

छात्रों को बेशक ये एप भा रहे है, मगर शिक्षकों को डर लग रहा है कि इस तरह के एप से बच्चे कुछ सीख नहीं पा रहे हैं. रेवा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राजशेखर बिरादर बताते हैं कि यह बच्चों के लिए हानिकारक है. इससे बच्चे कुछ हासिल नहीं कर पा रहे हैं. बेशक, ये एप हमारे सवालों का जवाब तुरंत दे देता है, मगर इससे बच्चों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है. वो कहते हैं कि सभी मनुष्यों में सोचने की अलग-अलग शैली होती है, ऐसे में ChatGPT नुकसान ही पहुंचाएगा. ये एप सोचने की शक्ति पर विराम लगा सकता है.

मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई करने वाली नयोनिका मुखर्जी को ChatGPT भा रहा है. एनडीटीवी को बता रही हैं कि इसका मकसद इंसानी ज़िंदगी को आसान बनाना है. ChatGPT की मदद से ज़िदगी को आसान बना सकते हैं, मगर सीखने की प्रक्रिया बिल्कुल सीमित हो सकती है. 

इस मुद्दे पर अन्य छात्राएं बताती हैं कि यह बिल्कुल गलत एप्लिकेशन है. इसकी मदद से बच्चे तुरंत कोई भी जानकारी हासिल कर ले रहे हैं. कंप्यूटर कोड भी आसानी से जेनरेट हो जा रहा है, मगर दुखद बात ये है कि इससे बच्चे कुछ सीख नहीं पा रहे हैं. बच्चों का भविष्य खराब होने का डर है.

अभी हाल ही में फ्रांस ने ChatGPT को बैन कर दिया है. सूचना तकनीक विशेषज्ञ बाला कृष्णन बताते हैं कि बैन लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा, बल्कि ये देखना होगा कि इस तकनीक का इस्तेमाल छात्र कैसे कर सकते हैं.

चैटजीपीटी यानि Chat Generative Pre-Trained Transformer. यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जीताजागता उदाहरण है. वर्तमान में जिस तरह से AI का प्रयोग बढ़ रहा है, उस आधार पर कहा जाता सकता है कि ChatGPT पर सभी समस्याओं का समाधान मिल सकता है. इसे नवंबर 2022 में ओपनओआई (OpenAI) द्वारा लोंच किया गया था. 

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