प्रतीकात्मक फोटो.
इंदौर:
नोटबंदी को भले ही छह माह से अधिक समय बीत गया है लेकिन इसके असर अब तक दिखाई दे रहे हैं. बंद हो चुके नोटों को बदलवाने की आशा अभी भी लोग लगाए हैं. इसी आशा में मंगलवार को एक युवक पांच लाख रुपये के बंद हो चुके नोटों को लेकर कलेक्टर के पास पहुंच गया. यह वाकया इंदौर के जिलाधिकारी कार्यालय में हुआ. प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है.
नोटबंदी को छह माह से अधिक वक्त बीतने के बाद मंगलवार को एक युवक पांच लाख रुपये के अमान्य नोट लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचा. उसने कलेक्टर से इन बंद नोटों को मान्य नोटों से बदलने में मदद करने की गुहार लगाई.
एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय परिसर में जन सुनवाई (आम लोगों की समस्याएं दूर करने के लिए प्रशासन की साप्ताहिक गतिविधि) के दौरान नीलेश सोलंकी ने कलेक्टर पी नरहरि के सामने 500 और 1000 के बंद नोटों की गड्डियां रख दीं. इनमें 1000 रुपये के 205 नोट और 500 के 590 अमान्य नोट शामिल थे.
नीलेश ने कलेक्टर से कहा कि वह करीब पांच लाख रुपये के इन बंद नोटों को कुछ कारणों से तय समय सीमा में बदलवा नहीं सका. लिहाजा इन्हें बदलवाने में उसकी मदद की जाए.
पी नरहरि ने संवाददाताओं से कहा कि मामला पहली नजर में संदेहास्पद लग रहा है और वे इसकी जांच करा रहे हैं. जांच के बाद मामले में उचित कदम उठाया जाएगा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत आठ नवंबर की रात में अपने टेलीविजन संदेश में घोषणा की थी कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट अब वैध मुद्रा नहीं रहेंगे. काला धन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का देश भर में व्यापक असर हुआ था.
(इनपुट एजेंसी से)
नोटबंदी को छह माह से अधिक वक्त बीतने के बाद मंगलवार को एक युवक पांच लाख रुपये के अमान्य नोट लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचा. उसने कलेक्टर से इन बंद नोटों को मान्य नोटों से बदलने में मदद करने की गुहार लगाई.
एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय परिसर में जन सुनवाई (आम लोगों की समस्याएं दूर करने के लिए प्रशासन की साप्ताहिक गतिविधि) के दौरान नीलेश सोलंकी ने कलेक्टर पी नरहरि के सामने 500 और 1000 के बंद नोटों की गड्डियां रख दीं. इनमें 1000 रुपये के 205 नोट और 500 के 590 अमान्य नोट शामिल थे.
नीलेश ने कलेक्टर से कहा कि वह करीब पांच लाख रुपये के इन बंद नोटों को कुछ कारणों से तय समय सीमा में बदलवा नहीं सका. लिहाजा इन्हें बदलवाने में उसकी मदद की जाए.
पी नरहरि ने संवाददाताओं से कहा कि मामला पहली नजर में संदेहास्पद लग रहा है और वे इसकी जांच करा रहे हैं. जांच के बाद मामले में उचित कदम उठाया जाएगा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत आठ नवंबर की रात में अपने टेलीविजन संदेश में घोषणा की थी कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट अब वैध मुद्रा नहीं रहेंगे. काला धन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का देश भर में व्यापक असर हुआ था.
(इनपुट एजेंसी से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं