यह ख़बर 28 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

...जब नील आर्मस्ट्रांग ने मांगी इंदिरा गांधी से माफी

खास बातें

  • इंदिरा गांधी 20 जुलाई 1969 को अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग को चांद पर उतरते देखने के लिए सुबह 4.30 बजे तक जागती रही थीं। जब आर्मस्ट्रांग को इस बारे में सूचित किया गया तो उन्होंने इसके लिए खेद व्यक्त किया था।
लंदन:

दिवंगत भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 20 जुलाई, 1969 को अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग को चांद पर उतरते देखने के लिए सुबह 4.30 बजे तक जागती रही थीं, और जब आर्मस्ट्रांग को इस बारे में सूचित किया गया तो उन्होंने इसके लिए खेद व्यक्त किया था।

82 साल की उम्र में 25 अगस्त, 2012 को दुनिया से विदा हुए आर्मस्ट्रांग के बारे में यह किस्सा पूर्व विदेशमंत्री नटवर सिंह ने बयां किया। उन्होंने बताया कि चंद्रमा से धरती पर लौटने के बाद जब आर्मस्ट्रांग अपने सहयोगी अंतरिक्ष यात्री के साथ अपनी विश्व यात्रा के तहत नई दिल्ली में इंदिरा गांधी से मिले, उस समय वहां वह (नटवर सिंह) भी मौजूद थे।

दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को संसद भवन कार्यालय स्थित इंदिरा गांधी के कक्ष में ले जाने वाले नटवर ने याद किया कि उस समय तत्कालीन अमेरिकी राजदूत भी उपस्थित थे। उन्होंने बताया, जब फोटाग्राफर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की इंदिरा गांधी के साथ तस्वीरें खींचकर बाहर चले गए तो वहां अजीब-सी खामोशी छा गई ।

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इंदिरा द्वारा बातचीत का संकेत दिए जाने पर नटवर ने कहा , मिस्टर आर्मस्ट्रांग, आपकी यह जानने में दिलचस्पी होगी कि प्रधानमंत्री सुबह 4.30 बजे तक जागती रही थीं, क्योंकि वह चंद्रमा पर आपके उतरने के क्षण से चूकना नहीं चाहती थीं। नटवर ने याद किया कि इस पर आर्मस्ट्रांग ने कहा, मैडम प्रधानमंत्री, आपको हुई असुविधा के लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं। अगली बार, मैं सुनिश्चित करूंगा कि जब हम चंद्रमा पर उतरें तो आपको इतना न जागना पड़े। मानवजाति के इतिहास में 20 जुलाई, 1969 का वह दिन हमेशा ऐतिहासिक घटना बना रहेगा, जब आर्मस्ट्रांग के नेतृत्व में अपोलो-11 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर पहली बार उतरा था।