उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में कथित खजाने की खोज में जुटे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के दल ने शुक्रवार को सातवें दिन कड़ी सुरक्षा के बीच डौंडियाखेड़ा में खुदाई शुरू कर दी है। छह दिनों में अब तक कुल 2.17 मीटर खुदाई की जा चुकी है।
खनन स्थल पर तैनात सीओ तौकीर अहमद ने शुक्रवार को बताया कि एएसआई अधिकारियों ने सुबह करीब साढ़े आठ बजे खुदाई शुरू की, जो शाम को लगभग 5 बजे तक चलेगी। खुदाई स्थल और आस-पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।
तौकीर ने बताया कि दो सीओ, 15 पुलिस निरीक्षक, 40 सिपाहियों के साथ-साथ पीएसी के करीब 120 जवान हर समय खनन स्थल की निगरानी कर रहे हैं।
खुदाई स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र की बैरीकेडिंग की गई है। मीडिया का भी बैरीकेडिंग से आगे जाना निषेध है।
इससे पहले गुरुवार को छठे दिन 25 सेंटीमीटर खुदाई हुई, लेकिन खुदाई में न तो सोना मिला और न ही सोना मिलने के आसार नजर आए।
उन्नाव के उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) विजय शंकर दुबे ने बताया कि छठे दिन गुरुवार को खुदाई में कांच की चूड़ियां, मिट्टी के कुछ टूटे बर्तन और रसोई का चूल्हा मिला है, जो पुरातात्विक महत्व के हो सकते हैं।
एएसआई अधिकारियों द्वारा इससे पहले की खुदाई में मिली प्राचीन दीवार, खंभे के हिस्से, मिट्टी के टूटे बर्तनों, लोहे की कीलों और कांच की चूड़ियों का गहन परीक्षण किया जा रहा है। सदियों पुरानी ये चीजें पुरातात्विक महत्व की बताई जा रही हैं।
गौरतलब है कि संत शोभन सरकार के सपने के आधार पर डौंडियाखेड़ा में राजा राव रामबख्श सिंह के किले की खुदाई की जा रही है। बाबा ने किले में जमीन के नीचे एक हजार टन सोना दबे होने का सपना देखा था।
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