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This Article is From Sep 20, 2021

150 गरीब बच्चों के लिए घर बनाकर इन दो शिक्षिकाओं ने साबित कर दिया कि मानवता ज़िंदा है

ज़िंदगी तो सभी लोग जीते हैं, मगर कुछ लोग इतिहास रचने के लिए जीते हैं. इस दुनिया में अच्छे इंसानों की कमी नहीं है. ऐसे लोग हमेशा मानव धर्म में लगे रहते हैं. इनके लिए इंसानीयत से बढ़कर कुछ नहीं है.

150 गरीब बच्चों के लिए घर बनाकर इन दो शिक्षिकाओं ने साबित कर दिया कि मानवता ज़िंदा है

ज़िंदगी तो सभी लोग जीते हैं, मगर कुछ लोग इतिहास रचने के लिए जीते हैं. इस दुनिया में अच्छे इंसानों की कमी नहीं है. ऐसे लोग हमेशा मानव धर्म में लगे रहते हैं. इनके लिए इंसानीयत से बढ़कर कुछ नहीं है. केरल की रहने वाली कोच्चि (Kochhi Teacher) की दो महिला शिक्षकों (Teachers) ने कुछ ऐसा ही उदाहण (Example) पेश कर रही हैं. इन्होंने ग़रीब बच्चों के लिए वो किया जो सरकार को करनी चाहिए थी. इन दोनों शिक्षिकाओं ने करीब 150 बच्चों के लिए घर बनवाकर साबित कर दिया कि इंसानीयत से बढ़कर ज़िंदगी में और कुछ भी नहीं है.

एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों शिक्षिका केरल के कोच्चि के थोप्पुमद्य से आई हैं. वर्तमान में ये थोप्पुमपड़ी स्थित स्कूल में शिक्षिका हैं. इन दोनों ने स्कूल में पढ़ रहे संपन्न छात्रों के परिजनों की मदद से आस-पास के 150 बेघरों के लिए घर बनाकर साबित कर दिया कि मानवता महत्वपूर्ण है.

केरल की ये दोनों महिला शिक्षिका को जब मालूम हुआ कि यहां आस पास के लिए घर नहीं है, तो इनदोनों ने कुछ करने की ठानी. ऐसे में इन्होंने इस महान कार्य को किया. इस कार्य के लिए उन्हें चंदे की ज़रूरत पड़ी. साथ ही साथ इनदोनों ने अपना समय देकर कई सपनों को पूरा किया. देखा जाए तो ऐसे लोग हमारे समाज के लिए एक मिसाल हैं.

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