
अपने बेटे की जान बचाने के लिए एक पिता ने मानव बलि दे डाली. ये हैरान करने वाला मामला छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले का है. बताया जा रहा है कि आरोपी के बेटे की तबीयत ठीक नहीं थी. ऐसे में उसने किसी तांत्रिक के कहने पर मानव बलि दे डाली. आरोपी ने एक तीन साल के बच्चे को अगवा किया और फिर घर ले जाकर उसकी बलि दे दी. आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसे कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मामले की जांच कर रही पुलिस के अनुसार आरोपी बच्चे को खेलते हुए बहलाकर अपने साथ ले गया था. फिर उसने चाकू से उसका सिर और धड़ अलग कर दिया.
क्या है पूरा मामला
सबाग गांव के सुलूंगडीह निवासी वीरेंद्र नगेसिया का बेटा अजय नगेसिया अचानक घर से गायब हो गया. परिवार वालों ने अजय को खूब खोजा. बेटे के न मिलने पर वीरेंद्र ने सामरी पाठ थाने में शिकायत दी. पुलिस ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया और केस दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू कर दी. पुलिस को जांच के दौरान गांव के निवासी एक राजू कोरवा पर संदेह हुआ.
पुलिस ने मामले की जब और गहन से जांच की, तो पता चला कि राजू कोरवा कहता था कि बड़ी पूजा करनी पड़ेगी. तब जाकर बेटा ठीक होगा. शक के आधार पर पुलिस ने राजू कोरवा को हिरासत में लिया. राजू कोरबा पहले तो पुलिस को गुमराह करता रहा. लेकिन बाद में जुर्म कबूल कर लिया.
धड़ को जलाया
उसने पुलिस पूछताछ में जो खुलासे किए, उसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. उसने बताया कि उसके बड़े बेटे की तबीयत खराब रहती थी. जिससे वो परेशान था. ऐसे में उसे नरबलि देनी थी. उसने अजय को अकेला खेते हुए पाया और मिठाई देने के बहाने बुलाया. उसके बाद लोहे की छुरी से बच्चे की बलि दे दी. नरबलि के बाद वो मासूम के धड़ को बोरी में भरकर जंगल किनारे नाले ले गया और जला दिया. इतना ही नहीं घर में तीन दिन तक उसने मासूम का सिर छिपाए रखा.
पुलिस ने जब आरोपी के घर की तलाशी ली तो बच्चे का सिर कपड़े में लिपटा हुआ मिला. जिसे आरोपी ने तीन-चार फीट गड्ढा खोदकर दफनाया था और ऊपर से पत्थर रखा. आरोपी को लगा की देवता को मानव बलि देकर उसका बेटा पूरी तरह ठीक हो जाएगा.
रिपोर्ट-बृजेन्द्र कुमार
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं