बोस्टन:
'बुद्धू बक्सा' या 'इडियट बॉक्स' कहे जाने वाले टीवी के चाहने वाले दुनियाभर में भले ही दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हों, लेकिन उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि टीवी से चिपके रहने की आदत उनकी अकाल मौत की वजह भी बन सकती है। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (एचएसपीएच) द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार ज्यादा समय तक, यानि घंटों तक लगातार टेलीविजन देखने वालों को टाइप-2 मधुमेह, हृदय रोग होने तथा समयपूर्व मौत का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन में शामिल रहे अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि रोजाना दो घंटे से अधिक समय तक टीवी देखने से मधुमेह होने का खतरा 20 प्रतिशत, और हृदय संबंधी रोग होने का खतरा 15 प्रतिशत तक बढ़ जाता है और रोजाना तीन घंटे से ज्यादा टीवी देखने पर समयपूर्व मौत के आसार 13 फीसदी तक बढ़ जाते हैं। एचएसपीएच में आहार एवं रोग विज्ञान के प्रोफेसर एवं अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले फ्रैंक हू ने कहा, "संदेश स्पष्ट है। टीवी देखना कम कीजिए, और टाइप-2 मधुमेह, हृदय रोग तथा समयपूर्व मौत के खतरे से बचिए।" हू ने कहा, "हमें न सिर्फ अपनी शारीरिक गतिविधियों का स्तर बढ़ाना चाहिए, बल्कि शरीर को गतिहीन बनाने वाली आदतों, खासकर लंबे समय तक टीवी देखने, से बचना चाहिए।" अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार विश्व में ज़्यादातर लोग अपने दिन को काम, नींद और टेलीविजन देखने में बांटकर रखते हैं। यूरोपीय और ऑस्ट्रेलियाई लोग टेलीविजन देखने में तीन से चार घंटे का समय गुजारते हैं, जबकि अमेरिकी बुद्धू बक्से पर रोज़ाना औसतन पांच घंटे खर्च करते हैं।
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