बाघ (Tiger) का नाम सुनते ही हर किसी के मन में खौफ सा छा जाता है. और अगर उससे आपका सामना हो जाए, तब तो समझिए कि आपकी जान बच पाना मुश्किल ही है. लेकिन, एक जगह ऐसी है जहां के लोगों को बाघ से बिल्कुल भी डर नहीं लगता. आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है. लेकिन, ये बात बिल्कुल सच है, इन लोगों के बाघों से न डरने की एक खास वजह है. वो ये कि यहां के लोग बाघ को भगवान का रूप (Tiger as God) मानते हैं और उनकी खास पूजा-अर्चना करते हैं.
महाराष्ट्र (maharashtra) के नासिक में आदिवासी समुदाय (tribal communities) के लोग बाघ को अपना आराध्य देव मानकर उसकी पूजा करते आ रहे हैं. यहां के लोग भगवान के रुप में बाघ की पूजा करते हैं. इतना ही नहीं, यहां बाघ के मंदिर बनाकर उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है. दरअसल, नासिक जिले के इगतपुरी इलाके में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग दशकों से एक बाघ परिवार को भगवान के रूप में पूजते हैं. ताकि पास के जंगल में रहने वाले बाघों से उनकी रक्षा हो सके. जिससे वह इंसानों या खेत के जानवरों पर हमला न करें.
देखें Photos:
Maharashtra | Tribal communities worship tiger as god in Igatpuri, Nashik
— ANI (@ANI) November 11, 2021
"We worship Waghoba to protect us and our families. I came across tigers on around 10 occasions in my life but they did no harm to me because I worship them," says a local (11.11) pic.twitter.com/WulbnHNCqO
इस मामले पर जानकारी देते हुए एक आदिवासी युवक ने बताया कि यहां पर दशकों से हिल स्टेशन पर बाघों का मंदिर है. "मंदिर की मूर्तियों में एक बाघ और एक शावक शामिल हैं. आदिवासी लोग पारंपरिक रूप से बाघों की पूजा करते हैं. साल में एक बार यहां मेला भी लगता है. हर तीज त्यौहारों पर इनकी पूजा की जाती है.
दूसरे आदिवासी युकक ने कहा कि, हम अपनी और अपने परिवार की रक्षा के लिए वाघोबा की पूजा करते हैं. मेरा अपने जीवन में लगभग 10 मौकों पर बाघों से सामना हुआ. लेकिन उन्होंने मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया क्योंकि मैं उनकी पूजा करता हूं.
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