एक नया अध्ययन बताता है कि अक्ल के लिए धूम्रपान घातक है, खासकर इसका सेवन करने वाले पुरुषों के लिए, हालांकि धूम्रपान करने वाली महिलाओं में बुद्धि का इस तरह क्षरण नहीं होता।
                                            
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                                                                                लंदन: 
                                        धूम्रपान छोड़ने के लिए एक कारण और है...वह यह कि इसका सेवन बुद्धि हर लेता है। जर्नल आर्काइव्स ऑफ जनरल फिजिक्स के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित एक नया अध्ययन बताता है कि अक्ल के लिए धूम्रपान घातक है, खासकर इसका सेवन करने वाले पुरुषों के लिए। अध्ययन की खास बात यह है कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं में बुद्धि का इस तरह क्षरण नहीं होता।
प्रमुख लेख्क यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के सेवराइन साबिया के अनुसार, ‘‘हम इस बात से वाकिफ थे कि धूम्रपान फेफड़े की बीमारी, कैंसर तथा दिल की बीमारी के लिए जोखिम है, लेकिन यह अध्ययन दर्शाता है कि इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है और इसका असर अक्सर 45 साल की उम्र में सामने आने लगता है।’’
मीडिया ने साबिया के हवाले से बताया, ‘‘लगातार धूम्रपान करने वाले ही नहीं, बल्कि कभी-कभार इसका सेवन करने वालों पर भी प्रभाव बराबर पड़ता है। यह इस बात की महत्ता दर्शाता है कि धूम्रपान से तौबा कर लेनी चाहिए।’’ अपने अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 6,000 पुरुषों और 21,00 महिलाओं के 25 साल की अवधि में धूम्रपान की आदत का विश्लेषण किया। इसमें धूम्रपान की मौजूदा स्थिति तथा अतीत की लत का विश्लेषण कर उनकी याददाश्त, शब्द ज्ञान तथा तार्किक ज्ञान को परखा गया। अध्ययन में पाया गया कि धूम्रपान करने वालों में तेजी से बौद्धिक ह्रास अधेड़ उम्र में होता है।
                                                                        
                                    
                                प्रमुख लेख्क यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के सेवराइन साबिया के अनुसार, ‘‘हम इस बात से वाकिफ थे कि धूम्रपान फेफड़े की बीमारी, कैंसर तथा दिल की बीमारी के लिए जोखिम है, लेकिन यह अध्ययन दर्शाता है कि इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है और इसका असर अक्सर 45 साल की उम्र में सामने आने लगता है।’’
मीडिया ने साबिया के हवाले से बताया, ‘‘लगातार धूम्रपान करने वाले ही नहीं, बल्कि कभी-कभार इसका सेवन करने वालों पर भी प्रभाव बराबर पड़ता है। यह इस बात की महत्ता दर्शाता है कि धूम्रपान से तौबा कर लेनी चाहिए।’’ अपने अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 6,000 पुरुषों और 21,00 महिलाओं के 25 साल की अवधि में धूम्रपान की आदत का विश्लेषण किया। इसमें धूम्रपान की मौजूदा स्थिति तथा अतीत की लत का विश्लेषण कर उनकी याददाश्त, शब्द ज्ञान तथा तार्किक ज्ञान को परखा गया। अध्ययन में पाया गया कि धूम्रपान करने वालों में तेजी से बौद्धिक ह्रास अधेड़ उम्र में होता है।
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