न्यूयॉर्क:
अगर आप छरहरे शरीर के लिए कड़े आहार नियम का पालन कर रहे हैं और खाना-पीना छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं तो एक बार और विचार कर लीजिए, क्योंकि शोधकर्ताओं ने पाया है कि खाना छोड़ने से आखिरकार पेट का वजन बढ़ता है।
अमेरिका की ओहियो स्टेट विश्वविद्यालय में मानव आहार की प्राध्यापक मार्था बेलुरी के अनुसार, 'यह इस धारणा का समर्थन कर सकता है कि पूरे दिन में कम-कम खाना वजन कम करने में मददगार हो सकता है, हालांकि यह बात बहुत से लोगों को व्यावहारिक नहीं लगेगी।'
बेलुरी ने बताया, 'लेकिन निश्चित तौर पर कैलोरी बचाने के लिए आप भोजन नहीं छोड़ना चाहेंगे क्योंकि यह आपके शरीर को इंसुलिन और ग्लूकोज के बड़े उतार-चढ़ाव के लिए तैयार करता है और इससे वजन घटने की जगह, वसा एकत्र हो सकता है।'
शोध में चूहों को एक पहर के खाने में पूरा खाना खाने को दिया गया और बाकी दिन भूखा रहने दिया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि इससे चूहों के यकृत में इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी प्रतिक्रिया पैदा हुई। लीवर जब इंसुलिन संकेतों की प्रतिक्रिया नहीं देता, जिससे ग्लूकोज निर्माण बंद हो जाता है। ऐसे में रक्त में मौजूद अतिरिक्त शर्करा, वसा के रूप में एकत्र होने लगती है।
शोध में पाया गया कि सीमित आहार पाने वाले चूहों के शरीर के उदर वाला हिस्सा, समान्य आहार लेने वाले चूहों की अपेक्षा चर्बीयुक्त हो गया था। इस तरह की वसा, इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ी होती है और टाइप-2 मधुमेह और दिल की बीमारियों के लिए खतरा पैदा करती है। यह शोध 'जर्नल ऑफ न्यूट्रीशिनल बायोकेमिस्ट्री' के ऑनलाइन संस्करण पर प्रकाशित हुआ है।
अमेरिका की ओहियो स्टेट विश्वविद्यालय में मानव आहार की प्राध्यापक मार्था बेलुरी के अनुसार, 'यह इस धारणा का समर्थन कर सकता है कि पूरे दिन में कम-कम खाना वजन कम करने में मददगार हो सकता है, हालांकि यह बात बहुत से लोगों को व्यावहारिक नहीं लगेगी।'
बेलुरी ने बताया, 'लेकिन निश्चित तौर पर कैलोरी बचाने के लिए आप भोजन नहीं छोड़ना चाहेंगे क्योंकि यह आपके शरीर को इंसुलिन और ग्लूकोज के बड़े उतार-चढ़ाव के लिए तैयार करता है और इससे वजन घटने की जगह, वसा एकत्र हो सकता है।'
शोध में चूहों को एक पहर के खाने में पूरा खाना खाने को दिया गया और बाकी दिन भूखा रहने दिया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि इससे चूहों के यकृत में इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी प्रतिक्रिया पैदा हुई। लीवर जब इंसुलिन संकेतों की प्रतिक्रिया नहीं देता, जिससे ग्लूकोज निर्माण बंद हो जाता है। ऐसे में रक्त में मौजूद अतिरिक्त शर्करा, वसा के रूप में एकत्र होने लगती है।
शोध में पाया गया कि सीमित आहार पाने वाले चूहों के शरीर के उदर वाला हिस्सा, समान्य आहार लेने वाले चूहों की अपेक्षा चर्बीयुक्त हो गया था। इस तरह की वसा, इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ी होती है और टाइप-2 मधुमेह और दिल की बीमारियों के लिए खतरा पैदा करती है। यह शोध 'जर्नल ऑफ न्यूट्रीशिनल बायोकेमिस्ट्री' के ऑनलाइन संस्करण पर प्रकाशित हुआ है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं