प्रतीकात्मक तस्वीर
न्यूयॉर्क:
अकेले पिता की तुलना में अकेली मां को ज्यादा आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और यह बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ साथ और ज्यादा खराब होती जाती है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
अकेले पिताओं से ज्यादा खराब होती है आर्थिक स्थिति
इस अध्यययन के मुताबिक, अकेली मांओं की आर्थिक स्थिति अकेले पिताओं से ज्यादा खराब होती है और बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ अकेली मांओं की आर्थिक स्थिति और खराब होती जाती है। शोध में पता चला कि अकेले पिता की आय बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ या तो बढ़ती जाती है या स्थिर रहती है।
शोध में यह भी कहा गया कि...
अमेरिका के शिकागो में यूनिवर्सिटी ऑफ इल्लीनोइस में पारिवारिक अध्ययन के सहायक प्रोफेसर कारेन क्रैमर ने कहा, 'अकली मां की आय अकेले पिता के आय की दो तिहाई के बराबर होती है।' कारेन ने बताया कि 2012 में हुए अध्ययन के अनुसार, अमेरिका में 28 फीसदी बच्चे सिंगल पैरेंट्स के साथ रहते थे। उनमें से 404,000 एकल पिताओं की तुलना में 42.4 लाख एकल मांएं गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करती थीं।
जरूरी है कि फुल टाइम काम करें...
कारेन ने कहा कि एकल अभिभावकों के लिए गरीबी रेखा से ऊपर जीवन बसर करने के लायक जीवन बिताने के लिए जरूरी है कि वे फुल-टाइम काम करें।
कारेन ने कहा कि तलाक के मामलों में बच्चों की परवरिश और वित्तीय मदद का जिम्मा पिताओं को सौंपा जाना चाहिए। यह अध्ययन पत्रिका 'जेंडर इश्यूज' में प्रकाशित हुआ है।
अकेले पिताओं से ज्यादा खराब होती है आर्थिक स्थिति
इस अध्यययन के मुताबिक, अकेली मांओं की आर्थिक स्थिति अकेले पिताओं से ज्यादा खराब होती है और बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ अकेली मांओं की आर्थिक स्थिति और खराब होती जाती है। शोध में पता चला कि अकेले पिता की आय बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ या तो बढ़ती जाती है या स्थिर रहती है।
शोध में यह भी कहा गया कि...
अमेरिका के शिकागो में यूनिवर्सिटी ऑफ इल्लीनोइस में पारिवारिक अध्ययन के सहायक प्रोफेसर कारेन क्रैमर ने कहा, 'अकली मां की आय अकेले पिता के आय की दो तिहाई के बराबर होती है।' कारेन ने बताया कि 2012 में हुए अध्ययन के अनुसार, अमेरिका में 28 फीसदी बच्चे सिंगल पैरेंट्स के साथ रहते थे। उनमें से 404,000 एकल पिताओं की तुलना में 42.4 लाख एकल मांएं गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करती थीं।
जरूरी है कि फुल टाइम काम करें...
कारेन ने कहा कि एकल अभिभावकों के लिए गरीबी रेखा से ऊपर जीवन बसर करने के लायक जीवन बिताने के लिए जरूरी है कि वे फुल-टाइम काम करें।
कारेन ने कहा कि तलाक के मामलों में बच्चों की परवरिश और वित्तीय मदद का जिम्मा पिताओं को सौंपा जाना चाहिए। यह अध्ययन पत्रिका 'जेंडर इश्यूज' में प्रकाशित हुआ है।
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