क्या 'शादी से पहले सेक्स' संबंधों से व्यक्ति जानलेवा ह्यूमन इम्यूनोडिफिशियेंसी वायरस (HIV) की चपेट में आ जाता है? केरल के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जा रही पाठ्य-पुस्तकों की मानें तो कुछ ऐसा ही होता है. 10वीं कक्षा के जीव-विज्ञान (Biology) के पाठ्यक्रम में छात्रों को पढ़ाया जा रहा है कि 'शादी से पहले सेक्स' या 'विवाहेतर सेक्स'' करने से व्यक्ति जानलेवा एचआईवी का शिकार हो सकता है.
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जीव-विज्ञान की पाठ्य-पुस्तक के चौथे अध्याय "रोगों को दूर रखें" में बताया गया है कि शादी से पहले यौन संबंध या विवाहेतर यौन संबंध बनाने से व्यक्ति एचआईवी की चपेट में आ सकता है. इस अध्याय में एक प्रश्न है कि एचआईवी किन तरीकों से फैलता है? इसके बारे में अध्याय में बताया गया है कि एड्स के मरीजों द्वारा इस्तेमाल में लाई गई सुई और सीरिंज साझा करने से, शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों से और एचआईवी संक्रमित मां से भ्रूण में यह विषाणु फैलता है.
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चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार की गई इस पाठ्य-पुस्तक का इस्तेमाल राज्य के स्कूलों में 2016 से ही हो रहा है, लेकिन किसी शिक्षक या स्कूल प्राधिकारियों ने अब तक इस तरफ ध्यान नहीं दिलाया. यह मामला तब सामने आया जब इंटरनेट पर सक्रिय रहने वाले कुछ लोगों ने किताब के इस विवादित हिस्से की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली. सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों ने इस पर ऐतराज जताया.
एससीईआरटी के निदेशक जे. प्रसाद ने संपर्क किए जाने पर कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के लिए नई पाठ्य-पुस्तक की छपाई अब पूरी हो चुकी है और नए संस्करण में यह भूल नजर नहीं आएगी. उन्होंने बताया, "पाठ्य-पुस्तक 2016 से ही पढ़ाई जा रही है और किसी ने अब तक इस भूल की तरफ ध्यान नहीं दिलाया था. जब यह हमारे संज्ञान में आया तो हमने नई पाठ्य-पुस्तक से इसे हटाने के लिए कदम उठाए. नई पाठ्य-पुस्तकें जल्द ही छात्रों में वितरित की जाएंगी."
इनपुट - भाषा
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