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This Article is From Sep 18, 2016

स्टेम कोशिका का उपयोग कर प्रयोगशाला में विकसित किया गया थ्री-डी फेफड़ा

स्टेम कोशिका का उपयोग कर प्रयोगशाला में विकसित किया गया थ्री-डी फेफड़ा
प्रतीकात्मक चित्र
लॉस एंजिलिस: योगशाला में स्टेम कोशिका का उपयोग करते हुए थ्री-डी फेफड़े का विकास किया गया है, जिसका इस्तेमाल ऐसी बीमारियों के अध्ययन के लिए किया जा सकता है, जिसे पारंपरिक तरीके से समझने में मुश्किल आती है.

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि प्रयोगशाला में विकसित ऊतक की मदद से आइडियोपैथिक पलमोनरी फाइब्रोसिस समेत अन्य बीमारियों को समझने की कोशिश की जाएगी.

अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलिस की एसोसिएट प्रोफेसर ब्रिगित गॉमपर्ट्स ने कहा, 'हम लोग पूरी तरह काम करने वाला फेफड़ा नहीं बना सके हैं, लेकिन हम लोग फेफड़े की कोशिकाओं को लेकर सही ज्यामितीय तरीके में उन्हें व्यवस्थित करने और मानव फेफड़े के सदृश अंग बनाने में सफल रहे हैं.' आइडियोपैथिक पुलमोनरी फाइब्रोसिस फेफड़े से जुड़ी हुई गंभीर बीमारी है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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