इंदौर:
वेस्टइंडीज के खिलाफ होल्कर स्टेडियम में गुरुवार को एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि उन्होंने सपने में भी दोहरा शतक लगाने की कल्पना नहीं की थी। सहवाग ने 219 रन बनाए। उन्होंने 149 गेंदों का सामना करते हुए 25 चौके और सात छक्के लगाए। अपनी इस पारी के दौरान सहवाग ने सचिन तेंदुलकर के व्यक्तिगत सर्वोच्च योग (नाबाद 200) को पीछे छोड़ा। सचिन ने 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह पारी खेली थी। भारतीय पारी समाप्त होने के बाद सहवाग ने पूर्व कप्तान रवि शास्त्री से बातचीत के दौरान कहा, "मैंने सपने में भी दोहरे शतक की कल्पना नहीं की थी। मैंने गौतम गम्भीर से कहा था कि अगर हम थोड़ा संयम दिखाने में सफल रहे तो हम निश्चित तौर पर बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते हैं।" "लेकिन मैं कभी भी दोहरे शतक की उम्मीद नहीं कर रहा था। मेरे लिए सबकुछ अच्छा हो रहा था। मैंने जब चाहा छक्का लगाया। मैं जानता था कि लोग मुझसे दोहरे शतक की उम्मीद कर रहे हैं। इसलिए मैं सबका धन्यवाद करता हूं।" सहवाग ने अपनी इस शानदार पारी के दौरान एकदिवसीय मैचों में 8000 रन पूरे किए और अपने करियर का 15वां शतक लगाया। साथ ही साथ सहवाग ने एकदिवसीय पारी में सबसे अधिक 25 चौका लगाने के सचिन के रिकार्ड की बराबरी भी की। सचिन ने 200 रनों की पारी के दौरान 147 गेंदों पर 25 चौके और तीन छक्के लगाए थे। 'मुल्तान के सुल्तान' और 'नजफगढ़ के सचिन' नाम से मशहूर सहवाग ने इस पारी के लिए अपने परिवार को धन्यवाद किया। सहवाग ने कहा, "मैं तमाम समर्थन और सहयोग के लिए अपने परिवार को धन्यवाद देता हूं। मैंने पहले भी कहा था कि हमारा शीर्ष क्रम चल नहीं पा रहा है और इसके लिए मुझे ही योगदान देना होगा।" "मैं बड़े स्कोर की मंशा के साथ मैदान में उतरा था। इस दौरान मैंने अपनी बल्लेबाजी शैली के साथ कोई समझौता नहीं किया। मैंने खुद से बस इतना कहा कि मुझे बैटिंग पावरप्ले तक विकेट पर रहना है। तब जाकर मैं दोहरा शतक पूरा कर सकता हूं।" सहवाग ने कहा, "170 रन के निजी योग पर जब कैरेबियाई कप्तान डेरेन सैमी ने मेरा कैच गिराया था, तब मुझे इस बात का अहसास हो गया था कि भगवान मेरे साथ है। इस पारी ने मुझे सचमुच थका दिया। मैं अब बूढ़ा हो गया हूं।"
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