संघर्ष से जूझ रही थाईलैंड (Thailand) की टूरिज्म इंडस्ट्री को अब अपने करीबी पश्चिमी देशों से सहारा मिल रहा है. खबर के मुताबिक, फुकेट में चीन के लोगों का आना रुक गया है, लेकिन अब भारतीय यहां आने के लिए सबसे ज्यादा बुकिंग कर रहे हैं. Vijitt Resort थाईलैंड उन ढेरों होटलों में से एक है, जो इस बात को लेकर काफी आशावादी है.
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Vijitt के जनरल मैनेजर और थाई होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कोंगसाक खूपॉन्गसाकॉर्न के मुताबिक, "हम एक नई तरह की ग्रोथ देख रहे हैं. भारत के लोग अब यहां के पर्यटन उद्योग को आगे बढ़ा रहे हैं जैसे कि पहले चीन के लोग किया करते थे."
चीनियों के आने की वजह से थाई इंडस्ट्री का हर साल 10 फीसदी विस्तार हो रहा था लेकिन साल 2018 में फुकेट (Phuket) में हुई नाव दुर्घटना में मारे गए दर्जनों लोगों और सुस्त घरेलू अर्थव्यवस्था के चलते इस संख्या में भारी गिरावट दर्ज होने लगी.
वहीं इसके उलट, सीधी फ्लाइटों, वीजा ऑन अराइवल और सबसे बढ़कर बढ़ती दौलत के चलते हाल के महीने में ज्यादा से ज्यादा भारतीय थाईलैंड घूमने जा रहे हैं.
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उम्मीद जताई जा रही है कि 2028 तक कम से कम 1 करोड़ भारतीय थाईलैंड जाएंगे. यह संख्या 2018 की तुलना में पांच गुना से भी ज्यादा है. ये बढ़त चीन के पर्यटकों के आगमन को भी बढ़ा सकती है.
हालांकि चीन महत्वपूर्ण बाजार बना रहेगा लेकिन आने वाले सालों में यह थाईलैंड के विकास में ज्यादा योगदान नहीं देगा. वहीं, दूसरी तरफ थाईलैंड के विस्तार में भारत नई कहानी लिखने को तैयार है.
वर्तमान में थाईलैंड में आने वाले विदेशी पर्यटकों में 28 फीसदी चीन के टूरिस्ट शामिल हैं, जबकि भारत के 4 फीसदी पर्यटक हैं. लेकिन उम्मीद है कि एक दशक में यह तादाद बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगी, जबकि चीन से 30 फीसदी मेहमानों के आने की संभावना है.
पर्यटन मंत्रालय के पिछले हफ्ते की रिपोर्ट के मुताबिक जून के महीने में थाईलैंड में लगभग 1 लाख 80 हजार भारतीय घूमने आए, जो कि एक रिकॉर्ड है. यही नहीं भारतीयों ने औसत विदेशी मेहमानों की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा खर्च भी किया.