विज्ञापन

कैंडिडेट ने ठुकरा दिया जॉब ऑफर तो रिक्रूटर ने गुस्से में कर लिया अपना ही नुकसान, सोशल मीडिया पर हुआ ट्रोल

एक शख्स ने दावा किया गया है कि जब एक उम्मीदवार ने उसके जॉब ऑफर को अस्वीकार कर दिया तो उसने गुस्से में कीबोर्ड तोड़ दिया.

कैंडिडेट ने ठुकरा दिया जॉब ऑफर तो रिक्रूटर ने गुस्से में कर लिया अपना ही नुकसान, सोशल मीडिया पर हुआ ट्रोल
इंटरव्यू लेने के लिए करता रहा इंतजार, नहीं आया कैंडिडेट, ऐसे उतारा गुस्सा

लंदन में एक रिक्रूटर अपने टूटे हुए कीबोर्ड की तस्वीर शेयर करने के बाद वायरल हो गया है, जिसमें दावा किया गया है कि जब एक उम्मीदवार ने उसके जॉब ऑफर को अस्वीकार कर दिया तो उसने गुस्से में कीबोर्ड तोड़ दिया. रिक्रूटमेंट कंसल्टेंट एथन मूनी ने लिंक्डइन पर तस्वीर पोस्ट की और बताया कि क्या हुआ.

मूनी के अनुसार, उम्मीदवार को सुबह 9:30 बजे दूसरे राउंड के इंटरव्यू में शामिल होना था, लेकिन वह नहीं आया. आधे घंटे बाद, उम्मीदवार ने मूनी को मैसेज भेजकर बताया कि उसने इसके बजाय दूसरी नौकरी के ऑफर को स्वीकार कर लिया है. स्थिति से निराश मूनी ने कथित तौर पर अपना कीबोर्ड तोड़ दिया और मज़ाक में कहा, "मेरे बचाव में, मैं F*** कुंजी नहीं ढूंढ़ पाया," और कहा, "कौन कहता है कि रिक्रूटर को परवाह नहीं है?"

Add image caption here

Add image caption here

लोगों ने सुनाई खरी-खोटी

लिंक्डइन पर यह पोस्ट वायरल हो गई है, जिसे यूजर्स से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिली हैं. कई लिंक्डइन यूजर्स ने कमेंट भी किए हैं. जिनमें से कुछ ने इस घटना को मज़ाकिया पाया, जबकि अन्य ने रिक्रूटर के इस एक्ट्रीम बिहेवियर पर आपत्ति जताई. इस बहस ने वर्कप्लेस, खास तौर से रिक्रूटमेंट प्रोसेस को लेकर बहस छेड़ दी.

एक यूजर ने लिखा, "कल्पना करें कि अगर उम्मीदवार हर बार पोस्ट करें जब कोई रिक्रूटर उन्हें इंटरव्यू के बाद भूल जाता है. क्या होगा जब उम्मीदवार घंटों इंतजार करे और कभी कोई जवाब नहीं मिलता? सम्मान दोनों तरफ से काम करता है." दूसरे ने लिखा, ‘यही जीवन है. अधिकांश बार, हमें इंटरव्यू के बारे में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिलती. न ही ये बताया जाता है कि नतीजा क्या हुआ, क्या कहां सुधार की जरूरत है.'

एक अन्य ने लिखा, "अपने KPI, पॉकेट्स और नंबर्स की परवाह करते हैं? ज़रूर. लेकिन कैंडिडेट के नंबर एक पर भी ध्यान देना चाहिए. आप लोगों में कोई वफ़ादारी नहीं है. अगर क्लाइंट को CV पसंद नहीं आता है, या अगर कोई अनौपचारिक बातचीत या इंटरव्यू खराब होता है, तो उम्मीदवार को नजरअंदाज कर दिया जाता है और उसे उक्त रिक्रूटर से निराशा का सामना करना पड़ता है. तो जब स्थिति बदल जाती है तो क्यों परेशान होना? उम्मीदवार को शायद एक बेहतर ऑफर मिला है जिसके लिए आप लड़ने के लिए तैयार नहीं थे, या आपके क्लाइंट ने उनके अनुरोधों को पूरा करने के लिए उन्हें अहमियत नहीं दिया." 

ये Video भी देखें:

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: