साइबर सुरक्षा अधिकारियों ने भारतीय इंटरनेट उपयोक्ताओं को एक ऐसे ट्रोजन वायरस के प्रति आगाह किया है जो कि उपयोक्ता के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को चोरी छुपे एनक्रिप्ट कर लेता है और उन्हें 'अनलॉक' करने के लिए 'फिरौती' मांगता है।
इस वायरस को 'गंभीर' श्रेणी में रखा गया है और साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का दुर्भावनापूर्ण कार्य्रकम पहली बार देखने को मिला है। यह जिस इंटरनेट उपयोक्ता को अपनी चपेट में लेता है उससे उचित फाइलों को अनलॉक करने के लिए 300 डालर तक की फिरौती मांगता है। यह फिरौती 'अज्ञात प्रीपेड नकदी वाउचर' के जरिए मांगी जाती है।
ईमेल या ऑपरेटिंग सिस्टम में एक बार आने के बाद यह उपयोक्ता की सभी गोपनीय सूचनाओं को खतरे में डाल देता है।
इस वायरस से जुड़ी घटनाएं भारत में हालांकि, कम है। एक साइबर विशेषज्ञ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि इस बारे में एक परामर्श जारी किया गया है। यह परामर्श सीईआरटी-इन की ओर से जारी किया गया है। इसमें एहतियातन उपायों के तहत इंटरनेट उपयोक्ताओं को यह भी सलाह दी गई है कि वे अपने सिस्टम को सुरक्षित रखें और अविश्वसनीय स्रोतों से आए मेल के अटैचमेंट डाउनलोड नहीं करें।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं