नई दिल्ली:
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर चर्चा के दौरान कई दिलचस्प उदाहरण पेश किए।
सुषमा ने इस विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए एक उदाहरण दिया, ‘पंजाब साक्षी है। पेप्सी ने जब वहां अपनी फैक्टरी लगानी चाही तो वहां के किसानों ने आंदोलन कर दिया। तब पेप्सी ने पंजाब के किसानों को भरमाया कि वह आलू चिप्स और टोमाटो केचप बनाएंगे। इसके लिए वह आलू और टमाटर स्थानीय किसानों से ही खरीदेंगे। किसान गुमराह हो गए और पेप्सी की फैक्टरी लग गई।’
सुषमा ने कहा कि उसके बाद पेप्सी ने किसानों से कहा कि उनका ‘आलू ज्यादा मीठा’ है जो चिप्स बनाने के लिए अच्छा नहीं है। उनका ‘टमाटर ज्यादा खट्टा’ है, जो केचप बनाने के लिए अच्छा नहीं है। फिर पेप्सी ने आलू और टमाटर विदेश से आयात करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा ही मैक्डोनल्ड कर रही है। उसने कहा कि उसके आलू फ्राई बनाने के लिए जिस आलू की जरूरत है, उतना बडा आलू भारत में नहीं होता। मैक्डोनल्ड भी आलू आयात कर रही है। आलू की बड़ी-बड़ी खेप आयात की जाती है।
सुषमा ने इस विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए एक उदाहरण दिया, ‘पंजाब साक्षी है। पेप्सी ने जब वहां अपनी फैक्टरी लगानी चाही तो वहां के किसानों ने आंदोलन कर दिया। तब पेप्सी ने पंजाब के किसानों को भरमाया कि वह आलू चिप्स और टोमाटो केचप बनाएंगे। इसके लिए वह आलू और टमाटर स्थानीय किसानों से ही खरीदेंगे। किसान गुमराह हो गए और पेप्सी की फैक्टरी लग गई।’
सुषमा ने कहा कि उसके बाद पेप्सी ने किसानों से कहा कि उनका ‘आलू ज्यादा मीठा’ है जो चिप्स बनाने के लिए अच्छा नहीं है। उनका ‘टमाटर ज्यादा खट्टा’ है, जो केचप बनाने के लिए अच्छा नहीं है। फिर पेप्सी ने आलू और टमाटर विदेश से आयात करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा ही मैक्डोनल्ड कर रही है। उसने कहा कि उसके आलू फ्राई बनाने के लिए जिस आलू की जरूरत है, उतना बडा आलू भारत में नहीं होता। मैक्डोनल्ड भी आलू आयात कर रही है। आलू की बड़ी-बड़ी खेप आयात की जाती है।