 
                                            स्वतंत्रता दिवस समारोह
                                                                                                                        प्रधानमंत्री ने एक दुर्घटना में नौसेना की अग्रणी पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक के नष्ट होने पर दुख जताया जिसमें 18 नौसैनिकों के मारे जाने की आशंका है।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण के मुख्यबिंदु इस प्रकार से है:
-प्रधानमंत्री ने एक दुर्घटना में नौसेना की अग्रणी पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक के नष्ट होने पर दुख जताया जिसमें 18 नौसैनिकों के मारे जाने की आशंका है।
-पाकिस्तान के साथ संबंध को बेहतर बनाने के संबंध में मनमोहन सिंह ने कहा, यह जरूरी है कि वह भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपने और अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र के इस्तेमाल को रोके।
-पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर जवानों पर जघन्य हमले जैसी घटनाएं दोबारा नहीं हों, इसके लिए भारत सभी कदम उठाएगा।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि एक आधुनिक प्रगतिशील और धर्म निरपेक्ष देश में तंग और सांप्रदायिक ख्यालों की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। ऐसी सोच हमारे समाज को बांटती है और हमारे लोकतंत्र को कमजोर करती है।
-समय-समय पर होने वाले नक्सली हमलों को रोकने में सफल नहीं हुए। 25 मई को छत्तीसगढ़ में हुआ नक्सल हमला लोकतंत्र पर सीधा प्रहार था।
-उत्तराखंड के लोगों को अश्वस्त करते हैं कि इस संकट के समय में पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
-उत्तराखंड में त्रासदी से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार अपने सभी संसाधनों के साथ काम कर रही हैं।
-प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई की खाद्य सुरक्षा विधेयक पास हो जाएगा।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून बनने के बाद सरकार की प्रमुख प्राथमिकता इसे लागू करने की होगी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कम्प्यूटरीकरण को तेज किया जाएगा।
-बिहार जैसी मध्याह्न भोजन त्रासदी देश के किसी भी हिस्से में नहीं दोहरायी जानी चाहिए।
-मध्याह्न भोजन योजना में सुधार किया जाएगा। हमारे बच्चों को प्रदान किया जाने वाला भोजन न केवल पोषक हो बल्कि इसे साफ सफाई के साथ पकाया जाना चाहिए।
-उन्होंने कहा कि गरीबी का आकलन करना कठिन कार्य है। गरीबी के आयामों के बारे में अलग अलग विचार हैं। चाहे हम कोई भी परिभाषा अपनाएं, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि 2004 के बाद से गरीबी की रफ्तार कम हुई है।
-अर्थव्यवस्था में मंदी लम्बे समय तक जारी नहीं रहेगी। पिछले नौ वर्षों में अर्थव्यवस्था का 7.9 प्रतिशत औसत वार्षिक दर से विकास हुआ है। विकास की यह दर किसी भी दशक में सर्वाधिक है।
-सरकार अर्थव्यवस्था में मंदी की स्थिति को बदलने के लिए कठिन परिश्रम कर रही है।
-पिछले नौ वर्ष में सड़क, रेलवे, बिजली, नागर विमानन, बंदरगाह और दूरसंचार जैसे आधारभूत संरचना के क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई है।
-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों को जोड़ने के लिए करीब 2 लाख किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। 37 हजार किलोमीटर से अधिक नई सड़कों का निर्माण किया गया है। 40 से अधिक हवाई अड्डों का निर्माण या उन्नयन किया गया है।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग के लिए सरकारी मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कदम उठाए गए है, अर्थव्यवस्था में निवेश तथा उद्योग एवं कारोबार के लिए और उपयुक्त माहौल बना।
-बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए अपर्याप्त कोयला आपूर्ति अहम समस्या बन गई थी। इसे काफी हद तक दूर किया गया है।
-आने वाले महीनों में सरकार कई नई आधारभूत संरचना परियोजनाओं पर काम शुरू करेगी। इसमें दो नए बंदरगाह, आठ नए हवाई अड्डे, नए औद्योगिक कारिडोर और रेल परियोजनाएं शामिल हैं।
-उन्होंने कहा कि जल्द ही एक नई योजना शुरू की जाएगी, जिसके तहत नया कौशल सफलतापूर्वक हासिल करने वालों को 10 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। इससे तहत अगले 12 महीनों में 10 लाख युवा पुरु, और महिलाएं लाभान्वित होंगे।
-पिछले दशक में लम्बी दूरी तय की, लेकिन अभी काफी कुछ किया जाना शेष है। हमने बदलाव की जो शुरुआत की है, वह जारी रहेगी।
                                                                        
                                    
                                -प्रधानमंत्री ने एक दुर्घटना में नौसेना की अग्रणी पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक के नष्ट होने पर दुख जताया जिसमें 18 नौसैनिकों के मारे जाने की आशंका है।
-पाकिस्तान के साथ संबंध को बेहतर बनाने के संबंध में मनमोहन सिंह ने कहा, यह जरूरी है कि वह भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपने और अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र के इस्तेमाल को रोके।
-पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर जवानों पर जघन्य हमले जैसी घटनाएं दोबारा नहीं हों, इसके लिए भारत सभी कदम उठाएगा।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि एक आधुनिक प्रगतिशील और धर्म निरपेक्ष देश में तंग और सांप्रदायिक ख्यालों की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। ऐसी सोच हमारे समाज को बांटती है और हमारे लोकतंत्र को कमजोर करती है।
-समय-समय पर होने वाले नक्सली हमलों को रोकने में सफल नहीं हुए। 25 मई को छत्तीसगढ़ में हुआ नक्सल हमला लोकतंत्र पर सीधा प्रहार था।
-उत्तराखंड के लोगों को अश्वस्त करते हैं कि इस संकट के समय में पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
-उत्तराखंड में त्रासदी से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार अपने सभी संसाधनों के साथ काम कर रही हैं।
-प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई की खाद्य सुरक्षा विधेयक पास हो जाएगा।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून बनने के बाद सरकार की प्रमुख प्राथमिकता इसे लागू करने की होगी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कम्प्यूटरीकरण को तेज किया जाएगा।
-बिहार जैसी मध्याह्न भोजन त्रासदी देश के किसी भी हिस्से में नहीं दोहरायी जानी चाहिए।
-मध्याह्न भोजन योजना में सुधार किया जाएगा। हमारे बच्चों को प्रदान किया जाने वाला भोजन न केवल पोषक हो बल्कि इसे साफ सफाई के साथ पकाया जाना चाहिए।
-उन्होंने कहा कि गरीबी का आकलन करना कठिन कार्य है। गरीबी के आयामों के बारे में अलग अलग विचार हैं। चाहे हम कोई भी परिभाषा अपनाएं, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि 2004 के बाद से गरीबी की रफ्तार कम हुई है।
-अर्थव्यवस्था में मंदी लम्बे समय तक जारी नहीं रहेगी। पिछले नौ वर्षों में अर्थव्यवस्था का 7.9 प्रतिशत औसत वार्षिक दर से विकास हुआ है। विकास की यह दर किसी भी दशक में सर्वाधिक है।
-सरकार अर्थव्यवस्था में मंदी की स्थिति को बदलने के लिए कठिन परिश्रम कर रही है।
-पिछले नौ वर्ष में सड़क, रेलवे, बिजली, नागर विमानन, बंदरगाह और दूरसंचार जैसे आधारभूत संरचना के क्षेत्रों में अच्छी प्रगति हुई है।
-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों को जोड़ने के लिए करीब 2 लाख किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। 37 हजार किलोमीटर से अधिक नई सड़कों का निर्माण किया गया है। 40 से अधिक हवाई अड्डों का निर्माण या उन्नयन किया गया है।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग के लिए सरकारी मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कदम उठाए गए है, अर्थव्यवस्था में निवेश तथा उद्योग एवं कारोबार के लिए और उपयुक्त माहौल बना।
-बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए अपर्याप्त कोयला आपूर्ति अहम समस्या बन गई थी। इसे काफी हद तक दूर किया गया है।
-आने वाले महीनों में सरकार कई नई आधारभूत संरचना परियोजनाओं पर काम शुरू करेगी। इसमें दो नए बंदरगाह, आठ नए हवाई अड्डे, नए औद्योगिक कारिडोर और रेल परियोजनाएं शामिल हैं।
-उन्होंने कहा कि जल्द ही एक नई योजना शुरू की जाएगी, जिसके तहत नया कौशल सफलतापूर्वक हासिल करने वालों को 10 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। इससे तहत अगले 12 महीनों में 10 लाख युवा पुरु, और महिलाएं लाभान्वित होंगे।
-पिछले दशक में लम्बी दूरी तय की, लेकिन अभी काफी कुछ किया जाना शेष है। हमने बदलाव की जो शुरुआत की है, वह जारी रहेगी।
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