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पूर्व महाराजा के भतीजे हरिंदर सिंह बराड़ ने हाल में दिए गए एक अदालती फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है जिसमें 20,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का उत्तराधिकार दिवंगत महाराजा की दो बेटियों को सौंपा गया था।
महाराजा के छोटे भाई दिवंगत कंवर मनजितिंदर सिंह के बेटे कंवर भारतिंदर सिंह ने ‘ज्येष्ठाधिकार नियम’ का हवाला देते हुए संपत्ति पर दावा जताया है जिसके मुताबिक संपत्ति का अधिकार पहले बेटे अथवा सबसे बड़े जीवित पुरूष रक्त संबंधी को दिया जाता है।
कंवर भारतिंदर सिंह के बेटे अमरिंदर सिंह बराड़ ने कहा कि मीडिया में इस तरह की खबरें है कि 1982 के महाराजा के वसीयतनामे पर केवल बेटी राजकुमारी अमृत कौर ने ही एतराज जाहिर किया था, जिसे चंडीगढ़ की एक अदालत ने अवैध और अमान्य घोषित किया। उन्होंने कहा कि यह गलत है वसीयतनामे पर महाराजा के छोटे भाई कंवर मनजितिंदर सिंह ने भी ऐतराज जाहिर किया था जिसका अब कंवर भारतिंदर सिंह प्रतिनिधित्व करते हैं।
अमरिंदर ने कहा कि फैसले को सत्र अदालत में चुनौती दी जाएगी। अपने वकील के साथ आए अमरिंदर ने कहा भारतिंदर का मोहाली के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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