यह ख़बर 31 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

रांची में हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं

खास बातें

  • झारखण्ड की राजधानी रांची में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और सुरक्षा मानकों को स्थापित करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने अनोखा तरीका अपनाया है।
रांची:

झारखण्ड की राजधानी रांची में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और सुरक्षा मानकों को स्थापित करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने अनोखा तरीका अपनाया है। पहले जागरूकता अभियान चला लोगों को नियमों का पाठ पढ़ाया और गांधीगिरी अपनाई।

अब प्रशासन ने रांची के पेट्रोल पम्पों को उन्हीं दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल देने का निर्देश दिया है जो हेलमेट पहन कर आएंगे।

रांची के उपायुक्त कमल किशोर सोन बताते हैं कि रांची में इसके पहले लोगों में यातायात नियमों के पालन के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया था। इसके बाद भी ऐसा देखने को मिल रहा था कि लोग यातायात नियमों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं। इसे देखते हुए सोमवार को पेट्रोल पम्प के मालिकों के साथ बैठक कर उन्हीं दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल देने का निर्देश दिया गया जो हेलमेट पहनकर आएंगे।

पम्पों को यह ताकीद भी की गई है इस निर्देश का उल्लंघन करने पर उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी पम्पों पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाने को कहा गया है। सोन ने बताया बिना हेलमेट पेट्रोल के लिए जिद करने वाले लोगों की गाड़ी संख्या नोट कर इसकी सूचना पुलिस को दी जाएगी और आगे की कारवाई पुलिस करेगी।

इधर, रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक साकेत कुमार कहते हैं हेलमेट नहीं पहनने वाले दोपहिया वाहन चालकों पर लगातार कार्रवाई के बाद स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि न केवल दुर्घटनाओं में कमी आई है बल्कि दुर्घटना में बिना हेलमेट जो लोग मौत के शिकार हो जा रहे थे उनकी जान भी बचाई जा रही है।

गौरतलब है कि इसी महीने रांची में दोपहिया वाहन चालकों को बिना हेलमेट पकड़े जाने पर उनसे जुर्माना वसूलने की जगह पुलिस उन्हें फूलों की माला पहना रही थी। रांची के यातायात पुलिस अधीक्षक आरके प्रसाद कहते हैं कि प्रशासन का यह कार्य लोगों की अंतारात्मा को झकझोरने का प्रयास था।  

प्रसाद कहते हैं कि यातायात पुलिस नियमों के उल्लंघन के बाद डंडे नहीं बरसा सकती। ऐसे में लोगों को माला पहनाकर यह कहा जाता था कि इस आदत के बाद भी आप जिन्दा हैं, तो अच्छा है। वे कहते हैं कि इसके बाद उनका फोटो लेकर अखबार और चैनलों में दिखाया जाता था।  

इधर, रांची चिकित्सा आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के चिकित्सक डॉ. सुरेन्द्र सिंह भी मानते हैं कि यातायात पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान के बाद सड़क दुर्घटना के मामले अस्पतालों में कम आ रहे हैं। वे कहते हैं कि पहले जहां ऐसे मामले प्रतिदिन दो-चार आ जाते थे वहीं अब सप्ताह में दो-चार मामले आ रहे हैं।

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पेट्रोल पम्प मालिक भी ऐसे आदेश और निर्देश से प्रसन्न हैं। रांची में जहां करीब 95 पेट्रोल पंप हैं वहीं 43 हजार से ज्यादा निबंधित दोपहिया वाहन हैं। रांची के एक पेट्रोल पम्प के मालिक सुबोध कुमार दूबे कहते हैं कि इस नियम से जरूर दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में कमी आएगी और इसका किसी पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।