विज्ञापन
This Article is From Apr 07, 2014

रेल टिकटों के लिए नहीं करनी होगी मारामारी, छात्रों ने बनाया नया एंड्रॉयड ऐप

रेल टिकटों के लिए नहीं करनी होगी मारामारी, छात्रों ने बनाया नया एंड्रॉयड ऐप
मुंबई:

'एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम' ने हमारे फ़ोन को स्मार्ट से 'स्मार्टर' बना दिया है। 'केजे सोमैया पॉलिटेक्निक' संस्थान के चार छात्रों ने एक ऐसे ऐप का निर्माण किया है जिसकी मदद से अब मुंबईकर्स को रेलवे टिकट के लिए होने वाली परेशानियों के निजात मिल सकती है। रेलवे टिकट के लिए रोजाना एक आम आदमी को घंटों तक काउंटर के बाहर इंतज़ार करना, दलालों के चक्कर लगाना, जैसी परेशानियों के दो-चार होना पड़ता है। लेकिन, अब एक छोटा सा ऐप आपकी इन मुश्किलों को काफी हद तक कम कर देगा।

आठ महीने की कड़ी मेहनत के बाद राजेश वैष्णव, वैभव मिराशी, सुशील शिंदे और  वैभव तमखेड़े ने इस ऐप को मिलकर बनाया है। इस ऐप का नाम 'एंड्रॉयड सब अर्बन अप्लीकेशन' (ऐस्टा) है, जिसकी मदद से कोई भी यात्री रेलवे टिकट मिनटों के अंदर प्राप्त कर सकता है और इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन की भी चिंता नहीं करनी पड़ेगी।

ये ऐप कैसे काम करता है-
एक बॉक्स जिसे किसी भी रेलवे स्टेशन में रखा जा सकता है। ये सीधे ब्लू टूथ के जरिये एंड्रॉयड के फोनों के साथ जुड़ा रहेगा। यहां ऐस्टा एंड्रॉयड के फोनों और बॉक्स के बीच में एक लिंक के रूप में काम करेगा। रेलवे टिकट के लिए सिर्फ यात्रियों को ब्लू टूथ के माध्यम अपने फ़ोन को उस बॉक्स जोड़ना होगा। संपर्क स्थापित होने के बाद, यात्री को अपने स्टेशन की डिटेल, टिकट की कीमत आदि का ब्योरा देना होगा। कुछ क्षणों के अंदर, यात्री को एक सन्देश मिलेगा जिसमें यात्रा की डिटेल, टिकट की कीमत, यात्रियों की संख्या, और एक 'बारकोड' होगा। यह बारकोड इस बात को सुनिश्चित करेगा कि यात्री टिकटों को चेक करते वक़्त टीटीई को कोई मूर्ख न बना सकें।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम, रेल टिकट के लिए ऐप, राजेश वैष्णव, वैभव मिराशी, सुशील शिंदे, वैभव तमखेड़े, Android, Android Operating System, Rail Ticket System, Rajesh Vaishnav, Vaibhav Mirashi, Sushil Shinde
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com