मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर (Sheopur) में सड़क किनारे जूते बेचने वाले की बेटी (Daughter Of a Roadside Shoe-Seller) ने हायर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा में 97 फीसदी नंबर लाई और स्ट्रीम की मेरिट सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. मधु आर्य (Madhu Arya) रोज सुबह 4 बजे उठती थीं और हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थीं. सोशल मीडिया पर उनकी खूब तारीफ हो रही है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने भी उनकी खूब तारीफ की है.
मध्य प्रदेश बोर्ड (MP Board) ने 27 जुलाई को 12वीं क्लास के नतीजे घोषित किए. इस बार 12वीं क्लास में लड़कियों का दबदबा दिखा, लेकिन इनमें श्योपुर जिले की मधु आर्य (MP Board Topper Madhu Arya) ने मिसाल कायम की है. मधु को 12वीं साइंस स्ट्रीम में 500 में से 485 नंबर मिले हैं. वो आगे जाकर डॉक्टर बनना चाहती हैं. आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से मदद मांगी है.
बेटी मधु, बहुत - बहुत बधाई, शुभकामनाएं!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 28, 2020
तुम केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो। जब तक तुम्हारा मामा शिवराज है, तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं।
हमारी सरकार तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति में हरसंभव मदद करेगी। तुम्हारे सपने अवश्य पूरे होंगे। मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है। https://t.co/sP5O8XETQi
सीएम शिवराज ने दिया मदद करने का वादा
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मधु को ट्विटर पर बधाई दी और उनको आगे मदद करने का वादा भी दिया. उन्होंने लिखा, 'बेटी मधु, बहुत-बहुत बधाई, शुभकामनाएं. तुम केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो. जब तक तुम्हारा मामा शिवराज है, तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं. हमारी सरकार तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति में हरसंभव मदद करेगी. तुम्हारे सपने अवश्य पूरे होंगे. मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है.'
मध्य प्रदेश: श्योपुर में सड़क किनारे जूते बेचने वाले की बेटी मधु आर्य ने हायर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा में 97% और स्ट्रीम की मेरिट सूची में 3 स्थान प्राप्त किया है।उसकी मां ने कहा,"हम बहुत खुश हैं, हमने उसे बड़ी मुश्किल से पढ़ाया और उसने भी पूरी रात बहुत कड़ी मेहनत की।" pic.twitter.com/OPsXJ09Cir
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2020
मधु के पिता की बात करें तो वह अपनी बेटी की सफलता पर बहुत खुश हैं, लेकिन उनका कहना है कि उनकी बेटी की आगे की शिक्षा सरकार से मिली सहायता पर निर्भर करेगी, क्योंकि उनके घऱ में आठ लोग हैं, जिनकी उन्हें देखभाल करनी होती है. मधु के पिता ने कहा- "मैं अपनी बेटी को उसके सपनों को पूरा करने में मदद करना चाहता हूं, लेकिन मुझे डर है कि मेरी गरीबी उसके सपनों में बाधा बन सकती है."
मधु की मां ने कहा, "हम बहुत खुश हैं, हमने उसे बड़ी मुश्किल से पढ़ाया और उसने भी पूरी रात बहुत कड़ी मेहनत की."
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