विज्ञापन
This Article is From Dec 14, 2014

असमय और बेवजह मौत के मामले में पुरुष महिलाओं से ज़्यादा बेवकूफ़ : अध्ययन

असमय और बेवजह मौत के मामले में पुरुष महिलाओं से ज़्यादा बेवकूफ़ : अध्ययन
नई दिल्ली:

एक आदमी तब मारा गया जब वो शॉपिंग ट्राली को ट्रेन के पीछे बांध कर अपने घर पहुंचने की कोशिश कर रहा था। मौत से पहले दो किलोमीटर तक घिटसता चला गया।

एक आतंकवादी तब मारा गया जब उसने अपने ही लेटर बम को खोल लिया। हुआ यह कि उसने लेटर बम पोस्ट करते समय पूरे डाक टिकट नहीं लगाए थे। लेटर वापस आ गया और उसे बिना देखे खोल लिया। धमाके में मारा गया।

ये तो बस दो उदाहरण हैं उस अध्ययन का जिससे पाया गया है कि पुरुष महिलाओं से कितने ज़्यादा बेवकूफ़ हैं।

महिलाओं का दिमाग पुरुषों से ज़्यादा तेज़ होता है, महिलाओं की फैसले लेने की क्षमता पुरुषों से ज़्यादा होती है, महिलाओं की याददाश्त पुरुषों बेहतर होती है। इस तरह के कई अध्ययन से हम दो चार हो चुके हैं। लेकिन इस बार एक बिल्कुल नए तरह का अध्ययन सामने आया है।

डार्विन अवार्ड की तरफ से आए इस अध्ययन में पाया गया है कि असमय और बेवजह मौत के मामले में पुरुष महिलाओं से ज़्यादा बेवकूफ़ी करते हैं। यानि पुरुष महिलाओं के मुकाबले ऐसी ग़लतियां ज़्यादा करते हैं जो उनकी मौत का कारण बन जाती हैं। ये अनुपात 90-10 का बताया गया है।

अध्ययन में मौत की वजहों के तौर पर ऐसी ऐसी बातें सामने आईं हैं कि आप भी सुन कर चौंक जाएंगे। मसलन, 1995 में जेम्स बर्न्स नामक 34 साल का अमेरिकी ड्राईवर तब मौत का शिकार हो गया जब वह अपने चलती ट्रक की मरम्मत ट्रक के नीचे जाकर करने की कोशिश कर रहा था। ट्रक के चलते समय नीचे से अजीब सी आवाज़ आ रही थी। बर्न्स ने ट्रक अपने साथी को चलाने के लिए देकर ये पता करने की कोशिश की कि आवाज़ कहां से आ रही है और तभी इसके पहिये के नीचे आ गया।

1996 में पोलैंड के एक किसान क्रिस्टॉफ ने ख़ुद को सबसे बलिष्ठ और मर्दाना साबित करने की ख़ातिर लड़की काटने की ऑटोमेटिक रेती से अपना गला काट लिया। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि दोस्तों के साथ शराब पीने के बाद ख़ुद को सबसे बलिष्ठ साबित करने की शर्त लगी थी। पहले वे एक-दूसरे से सिर टकराते रहे। लेकिन जब एक साथी ने रेती से अपना पैर काट लिया तो उसने ख़ुद को साबित करने के लिए सिर ही काट लिया।

रिपोर्ट में 1994 से लेकर अब तक के 20 सालों में हर साल भारी बेवकूफ़ी से हुई मौत का एक मामला पेश किया गया है। हालांकि अध्ययन में यह भी माना गया है कि इसका नतीजा नॉमिनेशन के लिए आए मामलों पर ही आधारित है। कुल 318 चयनित बेवकूफ़ी से हुई मौतों के मामलों में 282 पुरुष पाए गए जबकि सिर्फ 36 महिलाएं। यह अनुपात में 90-10 फीसदी का ठहरता है।

बेवकूफाना ख़तरे उठाने के बर्ताव को लेकर महिलाओं और पुरुषों के बीच क्या अंतर है, इसके बारे में कोई वैज्ञानिक आधार मौजूद नहीं है। इसलिए डार्विन अवार्ड ने 1995 से 2014 तक के ऐसे मामलों को लैंगिक आधार पर विवेचना की।  

आधार जो भी हो, एक बार फिर यह साबित हो गया है कि पुरुष ज़िंदगी में तो ग़लतियां करते ही हैं, मौत के मामले में भी महिलाओं से ज़्यादा बेवकूफी के शिकार होते हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
पुरुषों पर सर्वे, महिलाओं पर सर्वे, Survey On Men, Accidental Deaths, दुर्घटना में मौत
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com