हर इंसान गांव और दूर-दराज के कस्बों से पढ़-लिखकर मेट्रो सिटी में जाकर हाई-प्रोफाइल जॉब करने का सपना देखता है. इसमें चाहे इंजीनियर हो या फिर डॉक्टर. लेकिन एक ऐसा भी शख्स है, जो देश की मायानगरी मुंबई में हाई-प्रोफाइल जॉब छोड़ अपने होमटाउन वापस चला गया. अब इस शख्स ने पांच साल काम करने के बाद अपनी लाइफ में आए परिवर्तन और जीवनशैली पर बड़ा खुलासा किया है. शख्स ने वो पांच कारण गिनाए हैं, जो इन्होंने उनकी लाइफ बदल दी है. सुमित अग्रवाल नाम के इस शख्स ने अपने लिंक्डइन पर एक लंबा-चौड़ा नोट शेयर कर बदलती लाइफ के पिछले पांच सालों का हिसाब-किताब बयां किया है.
सुमित ने गिनाए 5 फायदे (Man Who Quit High-Paying Mumbai Job)
जमशेदपुर में पैदा होने के बाद मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों में काम करने के बाद सुमित सोचते थे कि वह अब छोटे शहर और कस्बे में काम नहीं कर पाएंगे. सुमित के खुद से कुछ इस तरह के सवाल थे, 'क्या मुझे वहां सामाजिक जीवन मिलेगा?', 'मैं वीकेंड पर क्या करूंगा?', और 'मुझे किस तरह का वर्क एनवायरनमेंट मिलेगा?' शुरुआत में इन सवालों ने मुझे परेशान किया'. हालांकि, पिछले पांच साल जमशेदपुर में बिताने के बाद, अग्रवाल ने कहा कि छोटे शहर की लाइफस्टाइल सोच से परे है और यहां फायदा ही फायदा है, जिसने मेरी सोच को पूरी तरह बदल दिया है'.
सुमित को हुए ये फायदे (Settle In Jamshedpur after quitting Mumbai)
सुमित ने बताया, 'मेरे दिन का 20 से 25 फीसदी समय भी ट्रैफिक में खर्च नहीं होता है, घर से मेरा ऑफिस 14 किमी की दूरी पर है और यहां पहुंचने में मुझे 15 मिनट लगते हैं, मुझे कोई परेशानी नहीं होती है और ऑफिस पहुंचकर बड़े आराम से काम करता हूं'. सुमित ने यह भी बताया कि बड़े शहरों के मुकाबले उसके लाइफस्टाइल पर कम पैसे खर्च होते हैं. सुमित ने कहा कि, 'लाइफस्टाइल में कोई बदलाव नहीं है, फिर भी शहरों के मुकाबले मेरा खर्चा कम हो रहा है, मैं यहां सभी सुविधाओं का लाभ उठा रहा हूं, जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी, ऑनलाइन शॉपिंग और घर के अन्य सामान मंगाने में भी कोई तकलीफ नहीं है'.
लोगों के रिएक्शन (Jamshedpur Man in Mumbai)
सुमित ने बताया, 'जमशेदपुर में लोगों की भीड़ कम है और खुलकर वीकेंड इन्जॉय करता हूं, लेकिन मुंबई में भीड़ भाड़ की वजह से कहीं भी निकलना मुश्किल हो जाता है'. अपने आखिरी और पांचवें कारण में सुमित ने बताया होमटाउन में मैं उन सब चीजों को (जैसे फिटनेस, स्पोर्ट्स और लक्जरी लाइफ) अफोर्ड कर पा रहा हूं, जो मैं मुंबई में नहीं कर पा रहा था, पांच साल पहले मुझे लगता था कि छोटे शहर में कोई लाइफ नहीं होती थी, लेकिन ऐसा नहीं है. वहीं. अब सुमित के पोस्ट पर लोग अपने रिएक्शन दे रहे हैं. इसमें ज्यादातर लोगों ने लिखा है, 'अपने घर से बढ़िया कोई घर नहीं है, जिंदगी तो अपने शहर में होती है'.
ये Video भी देखें:
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं