
दुबई भारतीयों का फेवरेट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है. कई भारतीय दुबई में काम करते हैं और मोटा पैसा कमाते हैं. दुबई देखते ही देखते काफी विकसित हो गया है और अब दुनियाभर में अपने विकास के मॉडल से एक्सप्लोर हो रहा है. अब एक भारतीय ने अपनी दुबई ट्रिप का एक्सपीरियंस शेयर किया है. मुंबई का रहने वाला यह शख्स हाल ही में अपनी दुबई ट्रिप से आया है. इस शख्स ने रेडिट पोस्ट में अपनी दुबई ट्रिप का पूरा एक्सपीरियंस शेयर किया है और साथ ही बताया है कि दुबई हर मामले में मुंबई और देश से कितना आगे निकल गया है. इस शख्स ने बताया है कि वह 40 साल से मुंबई में रह रहा है, लेकिन जो चीज उसे दुबई में देखने को मिली है, वो मुंबई में नहीं हैं. इस शख्स ने कहा है कि वह पहले भी कई बार डेवलप कंट्री में जा चुका है.
मुंबई में दुबई जैसा विकास नहीं (Man Calls Mumbai 'Chaotic')
अपने लंबे-चौड़े रेडिट पोस्ट में दुबई होकर आए यश ने लिखा है, 'मैं दुबई ट्रिप से लौटा हूं, जब हम किसी विकसित देश से लौटते हैं तो पता चलता है कि हम कितने पीछे हैं, मैं मुंबई का रहने वाला हूं, यहीं पैदा हुआ हूं और 40 साल का हूं, यह पहली बार नहीं है जब मैं किसी डेवलप कंट्री में गया हूं, लेकिन इस बार लौटने पर मुझे कई अंतर देखने को मिले, बेकार बुनियादी ढांचा, जीरो सिविक सेंस, जीरो ट्रैफिक सेंस, हर जगह कचरा और मलबा, प्रदूषण ऐसा कि दम घुट जाए'. शख्स ने अपने पोस्ट में मुंबई की हालत पर निराशा व्यक्त करते हुए इसे 'अराजक' बताया है, साथ ही कहा है कि यहां इंफ्रास्ट्रक्चर और अनुशासन की कमी है और ट्रैफिक के नियमों का तो कोई पालन ही नहीं करता है'.
भारत के लोगों में सिविक सेंस की कमी (Mumbai is Unlivable)
शख्स ने दुबई को अधिक संगठित और विकसित बताया और साथ ही मुंबई में लगातार हो रहे निर्माण कार्य की आलोचना की. शख्स ने बताया एक तरफ दुबई में लोग जेब में टिश्यू लेकर घूमते हैं और दूसरी तरफ भारत में चलती कार से बीच सड़क पर बोतले फेंक दी जाती है, मुख्य सड़कें जिनमें कोई लेन नहीं है, हर जगह निर्माण और मलबा है, 7 दिनों के दौरान, मुझे दुबई की सड़कों पर एक भी ट्रक नहीं दिखा, उनकी अलग-अलग सड़कें और आवाजाही का अलग समय है, मुंबई जितनी अव्यवस्थित है, मैं इस शहर का प्रेमी हूं, लेकिन देश की यह आर्थिक राजधानी रहने लायक नहीं रह गई है, दुबई में ट्रैफिक मुंबई जितना खराब हो सकता है, लेकिन कम से कम आपके सामने से कोई गाड़ी निकालकर नहीं भागेगा, वहां वाहन सिग्नल पर रुकते हैं, सड़कों पर ट्रैफिक रूल्स के स्पष्ट निशान हैं'.
Stark reality of Mumbai
byu/yashg inmumbai
पोस्ट पर लोगों के रिएक्शन (People on Dubai Vs Mumbai)
दुबई से लौटे इस शख्स के पोस्ट पर एक यूजर ने लिखा है, 'हमारे पास कोई सिविक सेंस नहीं है, हमें घरों को साफ-सुथरा रखना चाहिए, लेकिन हमें अपने घरों के बाहर पड़े कूड़े से भी समस्या होनी चाहिए, मैंने बहुत से लोगों को हाईवे पर कार के बाहर पानी की बोतलें फेंकते देखा है'. दूसरा लिखता है, मुझे लगता है कि विकल्प मिलने पर भारत की 5 फीसदी आबादी खुशी-खुशी इस देश को छोड़ देगी और कई लोग छोड़ भी चुके हैं'. लोग दुबई से लौटे इस शख्स की बात से सहमत हो रहे हैं.
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